स्वामी प्रसाद के समर्थन में आई पल्लवी पटेल, कहा बौद्ध मठ और मंदिर की बात होगी तो बहुत पीछे रह जाएंगे मंदिर

ज्ञानवापी मंदिर का मुद्दा इन दिनों उत्तर प्रदेश की राजनीति में छाया हुआ हैं। राजनीतिक दलों के बड़े नेता इस पर अपनी अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। रविवार को ...

ज्ञानवापी मंदिर का मुद्दा इन दिनों उत्तर प्रदेश की राजनीति में छाया हुआ हैं। राजनीतिक दलों के बड़े नेता इस पर अपनी अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। रविवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक द्वारा इस पर अपनी प्रतिक्रिया दिए जाने के बाद से ये बहस का बड़े मुद्दा बन गया। अब इस पर अपना दल कमेरावादी की नेता पल्लवी पटेल ने अपना बयान देते हुए कहा है कि बुद्ध की मूर्ति दुनिया की सबसे पुरानी प्रतिमा है।

पल्लवी पटेल ने कहा कि अगर अगर बौद्ध मठ और मंदिर की बात होगी तो मंदिर वाले बहुत पीछे रह जाएंगे। बुद्ध की मूर्ति दुनिया की सबसे पुरानी प्रतिमा है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा मामला जब तक कोर्ट में विचाराधीन है बयानबाजी का कोई मतलब नहीं हैं।

वहीं पल्लवी पटेल ने लोकसभा चुनाव में अपने मुद्दों को बताते हुए कहा, हम 2024 में महंगाई बेरोजगारी जैसे मुद्दों को लेकर जनता के बीच जाएंगे। 26 दलों का फ्रेंट INDIA बना है इस बार वही जीतेगा।

बता दें कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने ANI को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि ज्ञानवापी पर ऐतिहासिक गलती हुई है। उसको मस्जिद कहेंगे तो विवाद होगा। अगर हम उसे मस्जिद कहेंगे तो फिर विवाद होगा, त्रिशूल अंदर क्या कर रहा है। इस मामले पर मुस्लिम समाज की तरफ से प्रस्ताव आना चाहिए था। वहां की दीवारें चिल्ला-चिल्ला के क्या कह रही हैं। भगवान ने जिन्हें आंखे दी हैं वो जाकर देखें।

वहीं इस पर स्वामी प्रसाद मौर्या ने कहा कि भारत की पहचान बौद्ध दर्शन से और बुध से है. अगर हिंदू-बौद्ध एक हैं तो बौद्ध धर्मस्थल क्यों तोड़े। बौद्ध धर्म स्थलों को तोड़कर मंदिर क्यों बनाया गया। हिंदू और बौद्ध एक होते तो बौद्ध मठ नहीं तोड़े जाते।

Related Articles

Back to top button