PM मोदी ने हक्की पिक्की जनजाति के सदस्यों से किया संवाद, सूडान से सुरक्षित भारत आने पर लोगों ने जताया PM का आभार

इस संवाद कार्यक्रम के दौरान हक्की पिक्की जनजाति समुदाय के लोगों ने यह भी बताया कि कैसे विदेशों में लोग भारतीय चिकित्सा पद्धति में विश्वास करते हैं और यह सुनकर खुश हो जाते हैं कि वे भारत से हैं. भारत सरकार ने पीएम मोदी के नेतृत्व में संघर्षग्रस्त सूडान से भारतीय नागरिकों को बचाने के लिए ऑपरेशन कावेरी शुरू किया था.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कर्नाटक के शिवमोग्गा में हक्की पिक्की जनजाति समुदाय के लोगों से मुलाकात की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई बातचीत में हक्की पिक्की जनजाति समुदाय के वो लोग शामिल हुए जिन्हें ऑपरेशन कावेरी के दौरान सूडान से निकाल कर भारत लाया गया था. हक्की पिक्की जनजाति के लोगों ने इस संवाद कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सूडान से उनके सुरक्षित रेस्क्यू के लिए आभार जताया.

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उन विपरीत हालातों के बारे में चर्चा की जिसके तहत सरकार ने उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए सूडान में भारतीय एम्बेसी के सहयोग से उन्हें भारत लाया. बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, “सरकार ने सुनिश्चित किया कि उन्हें एक खरोंच भी नहीं आए, और यह सब प्रधानमंत्री के प्रयासों के कारण हुआ.”

उन्होंने प्रधानमंत्री के प्रति अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा कि उनके दिल में उन्हें लगता है कि वह डबल इंजन नहीं बल्कि ट्रिपल इंजन की ताकत का प्रतिनिधित्व करते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दौरान याद किया कि कैसे उनके समुदाय के पूर्वज महाराणा प्रताप के साथ खड़े थे. उन्होंने कहा, ‘पूरी दुनिया में अगर कोई भारतीय किसी भी तरह की मुश्किल में है, तो सरकार तब तक चैन से नहीं बैठती, जब तक समस्या का समाधान नहीं हो जाता.’

इस संवाद कार्यक्रम के दौरान हक्की पिक्की जनजाति समुदाय के लोगों ने यह भी बताया कि कैसे विदेशों में लोग भारतीय चिकित्सा पद्धति में विश्वास करते हैं और यह सुनकर खुश हो जाते हैं कि वे भारत से हैं. भारत सरकार ने पीएम मोदी के नेतृत्व में संघर्षग्रस्त सूडान से भारतीय नागरिकों को बचाने के लिए ऑपरेशन कावेरी शुरू किया था.

बता दें कि ऑपरेशन कावेरी के तहत संघर्षग्रस्त सूडान से कम से कम 3,862 लोगों को बचाया गया था. यह अभियान भारतीय वायु सेना द्वारा चलाया गया था जो अब समाप्त हो गया है. यह एवैकुएशन अभियान ऐसे दौर में चलाया गया जब सऊदी अरब में भारतीय दूतावास ने बताया कि जेद्दा के एक स्कूल में बनाई गई पारगमन सुविधा को भी बंद कर दिया गया है.

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