राष्ट्रपति के आगमन से पहले बढ़ी महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ प्रशासन की मुश्किलें, आमरण अनशन पर बैठे छात्र

राष्ट्रपति के आगमन की तैयारी में जहां एक तरफ विश्वविद्यालय में तैयारियां जोरों शोर से चल रही है, तो वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन की मुश्किलें बढ़ गई है।

वाराणसी: महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में 11 दिसंबर को होने वाले दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्म शामिल होंगी। राष्ट्रपति के आगमन की तैयारी में जहां एक तरफ विश्वविद्यालय में तैयारियां जोरों शोर से चल रही है, तो वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन की मुश्किलें बढ़ गई है।

दरअसल महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में विगत एक सप्ताह से छात्र संघ चुनाव की बहाली की मांग को लेकर धरने पर बैठे छात्र मंगलवार से आमरण अनशन पर बैठ गए है। विश्विद्यालय परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष सैकड़ो की संख्या में छात्र विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए आमरण अनशन शुरू किया।

आमरण अनशन से पहले किया हवन पूजन, हनुमान चालीसा का पाठ कर शुरू किया आमरण अनशन

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में छात्रसंघ चुनाव करवाए जाने की मांग को लेकर छात्रों ने आमरण अनशन से पहले हवन कर पूजन किया। वही छात्रों ने सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ कर आमरण अनशन शुरू किया। छात्रों का आरोप है, कि विगत एक सप्ताह से छात्रसंघ चुनाव करवाए जाने की मांग को लेकर धरने के बाद भी लगातार विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों को गुमराह कर रहा है। ऐसे में पूर्व की घोषणा के अनुसार अब छात्र मंगलवार से आमरण अनशन शुरू कर दिया है। वही छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए, छात्रसंघ चुनाव की मांग को लेकर बड़े आंदोलन की चेतावनी दिया।

11 दिसंबर को विश्विद्यालय में राष्ट्रपति का आगमन, छात्रों के आमरण अनशन से विश्विद्यालय प्रशासन परेशान

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के इतिहास में पहली बार दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति का आगमन होने वाला है। 11 दिसंबर को राष्ट्रपति के आगमन को लेकर तैयारियां कि जा रही है, तो विश्वविद्यालय प्रशासन के सामने छात्रसंघ चुनाव की मांग को लेकर धरने पर बैठे छात्रों ने एक बड़ी चुनौती खड़ा कर दिया है।

विश्वविद्यालय प्रशासन लगातार छात्रों से वार्ता कर छात्रसंघ चुनाव को करवाए जाने को लेकर सचिवालय से वार्ता किए जाने की बात कर रहा है। जबकि छात्र किसी भी हाल में छात्रसंघ चुनाव की घोषणा की मांग कर रहे है। ऐसे में विश्वविद्यालय प्रशासन की परेशानी बढ़ती ही जा रही है।

रिपोर्ट : नीरज कुमार जायसवाल

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