बिहार में जातीय जनगणना की रिपोर्ट आने के साथ ही सियासी हलचल तेज हो गई है। विपक्षी दलों की तरफ से इस मामले पर लगातार प्रतिक्रियाएं आ रही है। इस बीच राहुल गांधी ने इस मामले पर प्रतिक्रिया दी। जिसमें उन्होंने पूरे देश में जातिगत जनगणना की बात कहते हुए चर्चाओं के बाजार को गर्म कर दिया है। उनका कहना है कि जिसकी जितनी आबादी हो उसको उतना हक मिलना चाहिए। बिहार से आए आंकड़े देश की असली तस्वीर का मात्र एक छोटा सा झलक है। पूरे देश में आदिवासी, ओबीसी और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति यही हाल है।
दरअसल, शनिवार यानी 9 मार्च को उन्होंने ट्वीट करते हुए इस मामले पर बड़ा ऐलान किया है। अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा कि, क्या हमने कभी सोचा है कि गरीब कौन हैं? कितने हैं और किस स्थिति में है? क्या इन सभी की गिनती जरूरी नहीं? बिहार में हुई जातिगत गिनती से पता चला कि गरीब आबादी के 88% लोग दलित, आदिवासी, पिछड़े और अल्पसंख्यक समाज से आते हैं। बिहार से आए आंकड़े देश की असली तस्वीर की एक छोटी सी झलक मात्र हैं, हमें अंदाज़ा तक नहीं है कि देश की गरीब आबादी किस हाल में जी रही है।
उन्होंने अपने ट्वीट में घोषणा करते हुए लिखा कि, “इसलिए हम दो ऐतिहासिक कदम उठाने जा रहे हैं – जातिगत गिनती और आर्थिक मैपिंग, जिसके आधार पर हम 50% की आरक्षण सीमा को उखाड़ कर फेंक देंगे।”
गिनती करो हमारा नारा है, क्योंकि गिनती ‘न्याय की पहली सीढ़ी’ है – राहुल गांधी
उन्होंने अपने पोस्ट में अपने इस कदम को देश का X-Ray करने बताया है। उन्होंने लिखा कि, “यह कदम देश का X-Ray कर सभी को सही आरक्षण, हक़ और हिस्सेदारी दिलाएगा। इससे न सिर्फ गरीब के लिए सही नीतियां और योजनाएं बनाई जा सकेंगी बल्कि उन्हें पढ़ाई, कमाई और दवाई के संघर्ष से उबार कर विकास की मुख्यधारा से जोड़ा भी जा सकेगा। इसलिए उठो, जागो और अपनी आवाज़ उठाओ, जातिगत गिनती तुम्हारा हक़ है और यही तुम्हें मुश्किलों के अंधेरों से निकाल कर उजालों की ओर ले जाएगी। इस बीच उन्होंने नया नारा देते हुए कहा कि, “गिनती करो हमारा नारा है, क्योंकि गिनती ‘न्याय की पहली सीढ़ी’ है। #GintiKaro
राहुल की इस रणनीति के पीछे का खेल समझिए
अगर सियासी जानकारों की मानें तो राहुल गांधी के इस OBC आरक्षण की सीमा खत्म करने वाले घोषणा के पीछे कांग्रेस का राजनीतिक दांव है। बता दें, इस चुनाव के दौरान बीजेपी राम मंदिर के जरिए अपने कोर वोटरों के साथ-साथ ओबीसी वोटरों को भी लुभा रही है। भारतीय जनता पार्टी के इस रणनीति को देखने के बाद ऐसा प्रतीत होता है कि राजनीति के इस पिच पर कांग्रेस, BJP का मुकाबला नहीं कर पाएगी। अब शायद इसी मुद्दे को कांग्रेस भी समझ चुकी है। जिसके बाद इस मामले की कमान को राहुल गांधी ने अपनी यात्रा में संभालते हुए ओबीसी आरक्षण की सीमा खत्म करने का दांव चला था। अब राहुल ने एक्स पर जो पोस्ट किया है उसमें भी उन्होंने एक बार फिर इसी मुद्दे पर चर्चा छेड़ कर यह साफ़ कर दिया है कि इस लोकसभा चुनाव में वो आरक्षण वाले इस मामले को लेकर ही पिच पर खेलने उतरेगी। खैर अब राहुल ने ये दांव चल तो दिया है मगर आम चुनाव में इसका कांग्रेस को कितना फायदा होगा ये देखना काफी दिलचस्प होगा।