रियल में ‘2024 का रण’ जीतेंगे सीरियल के राम.. जानिए क्या हैं ‘शक्तियां’

स्सी के दशक में टीवी के परदे पर आए रामायण सीरियल के राम इस बार लोकसभा चुनाव की रणभूमि में हैं। हम बात कर रहे हैं अरुण गोविल की

मेरठ: अस्सी के दशक में टीवी के परदे पर आए रामायण सीरियल के राम इस बार लोकसभा चुनाव की रणभूमि में हैं। हम बात कर रहे हैं अरुण गोविल की, जिन्होंने परदे पर भले ही बुराई पर जीत हासिल की हो लेकिन क्या बीजेपी की ओर से 2024 के महासमर में वो विजय श्री पाएंगे। ये सीरियल नहीं बल्कि उनकी रियल की शक्तियां तय करेंगी। फिलहाल उनको जनता का दुलार उतना ही मिल रहा है जितना रामायण सीरियल में राम को मिल रहा था।

मेरठ के सूरजकुंड में जन्मेः अरुण गोविल ने प्राथमिक शिक्षा से लेकर इंटर की पढ़ाई शहर के सरकारी स्कूलों से की। उनके पिता बिजली विभाग में मुलाजिम थे। उनके भाई मुंबई में सैटल हो चुके थे। मेरठ यूनिवर्सिटी के शुरूआती दिनों में ही अरूण गोविल को कैरियर बनाने के लिए वह मुंबई ले गए। उन्होंने कड़ी मेहनत की और नाम कमाया। 28 साल हिंदी सिनेमा और टीवी को देने के बाद 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने उन्हें प्रत्याशी बनाकर मेरठ के चुनावी मैदान में भेजा है।

03 बार के सांसद राजेन्द्र अग्रवाल का टिकट का काटा: बीजेपी ने अरूण गोविल को चुनाव लड़ाया है। अरूण गोविल के साथ राजेन्द्र अग्रवाल कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं। पार्टी के सभी नेता और कार्यकर्ताओं के साथ चुनाव प्रचार कर रहे है और घर.घर जाकर लोगों से मिल रहे हैं।

ऐसा लगता है कि अवध में आए हों राम: अरुण गोविल जहां जाते है] हवा में फूलों की पंखुड़ियां बिखरने लगती है और जय श्री राम का नारे फिजां में गूंजना शुरू हो जाते हैं। लोग उन्हें छूना चाहते हैए इसकी वजह यह है कि वह राम जैसे दिखते है।

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