क्या हैं क्रूसेड युद्ध, जिसकी इजरायल और हमास जंग के बीच धमकी दे रहे तुर्की के राष्ट्रपति तैय्यब एर्दोगन

इसी के साथ ये भी बता दें कि तुर्की की सड़कों पर लोग फिलिस्तीनियों का समर्थन करने के लिए सड़कों पर उतर आएं हैं.और महारैली निकाल रहे हैं.

डिजिटल डेस्क- इजरायल और हमास के बीच भीषण जंग जारी है. इस युद्ध में कुछ देश इजरायल के साथ हैं. और कुछ देश
फिलिस्तीन के साथ हैं. युद्ध की वजह से गाजा की स्थिति काफी ज्यादा खराब हो रही है. और इसी बीच तुर्की के राष्ट्रपति तैय्यब एर्दोगन ने पश्चिमी देशों को क्रूसेड युद्ध की धमकी दे डाली है. उन्होंने कहा कि गाजा में फिलिस्तीनियों की हत्या के पीछे पश्चिमी देशों का सीधा हाथ बताया है.

बता दें कि ये कोई पहली बार नहीं हैं,जब फिलिस्तीनियों का तुर्की ने समर्थन किया हो. वो पिछले दो दशकों से फिलिस्तीनियों का समर्थन करता हुआ आया है.

इसी के साथ ये भी बता दें कि तुर्की की सड़कों पर लोग फिलिस्तीनियों का समर्थन करने के लिए सड़कों पर उतर आएं हैं.और महारैली निकाल रहे हैं.

क्या हैं क्रूसेड युद्ध…

बता दें कि क्रूसेड युद्ध 1095 ईसवी से 1291 के बीच येरुशलम को लेकर हुआ था. येरुशलम को इस्लाम धर्म को मनाने वाले लोग काफी ज्यादा पवित्र मानते हैं.ईसाइयों और मुस्लिमों के बीच हुए धार्मिक युद्ध को कहा जाता है. इसका मुख्य कसद येरुशलम शहर पर कब्जा था.
नवंबर 1095 में दक्षिणी फ्रांस में काउंसिल ऑफ क्लेरमोंट में पोप अर्बन द्वितीय ने आज के पश्चिमी मुल्कों में रहने वाले ईसाइयों को हथियार उठाने के लिए कहा था.ताकि मुस्लिमानों के कब्जे से येरुशलम को आजाद करवाया जा सके.
ये युद्ध 1096 से लेकर 1291 के बीच आठ बार लड़ा गया. युद्ध की शुरुआत पश्चिमी मुल्कों की तरफ से हुई, जो यरुशलम पर कब्जे के लिए अपनी सेनाओं को लेकर यहां पहुंच गए. उस समय मिडिल ईस्ट के शासकों ने उनका मुकाबला किया था.

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