सियासी कलह से भरा रहा है पाकिस्तान का राजनितिक इतिहास, बीते 75 साल से किसी भी PM ने पूरा नहीं किया कार्यकाल!

पाकिस्तान में अब तक ऐसे कुल 18 मौके रहे हैं जब किसी प्रधानमंत्री को या तो भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण, प्रत्यक्ष सैन्य तख्तापलट या सत्तारूढ़ समूहों में अंदरूनी कलह के कारण जबरन इस्तीफे सहित कई दूसरे बहाने से हटा दिया गया है।

पाकिस्तान में 75 साल के इतिहास में, किसी भी प्रधान मंत्री ने पूरे पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं किया है। रविवार को इमरान खान के अविश्वास मत हारने के साथ ही यह प्रवृत्ति बरकरार रही। पाकिस्तान में 1947 के बाद से अब तक कुल 29 प्रधान मंत्री रहे हैं, लेकिन आज तक किसी ने अपना कार्यकाल पूरा नहीं किया।

पाकिस्तान में अब तक ऐसे कुल 18 मौके रहे हैं जब किसी प्रधानमंत्री को या तो भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण, प्रत्यक्ष सैन्य तख्तापलट या सत्तारूढ़ समूहों में अंदरूनी कलह के कारण जबरन इस्तीफे सहित कई दूसरे बहाने से हटा दिया गया है। 27 दिसंबर 2007 को पकिस्तान की तत्कालीन प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की तो हत्या कर दी गई थी।

शेष प्रधानमंत्रियों ने एक सीमित समय के लिए कार्यवाहक के रूप में नए चुनावों की देखरेख करने या किसी बर्खास्त प्रधानमंत्री के कार्यकाल को देखने के लिए पद संभाला। साल 1993 में पाकिस्तान में इस हद तक राजनैतिक अस्थिरता रही कि कंगाली की कगार पर पहुंच रहे देश ने एक साल के अंदर 5 प्रधानमंत्री देखे। पाकिस्तान में प्रधानमंत्री का अब तक का सबसे कम कार्यकाल दो हफ्तों का रहा है।

7 दिसंबर, 1971 को नूरुल अमीन ने बतौर प्रधानमंत्री पदभार ग्रहण किया लेकिन 20 दिसंबर, 1971 को पाकिस्तान से बांग्लादेश के अलग होने के तुरंत बाद उन्होंने अपना कार्यालय छोड़ दिया। बता दें कि वर्तमान में पकिस्तान में इमरान सरकार का इस तरह गिरा दिया जाना कोई नई बात नहीं है। इस मामले में पकिस्तान का लंबा इतिहास रहा है कि किसी भी प्रधानमंत्री ने पूरे पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं किया है।

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