छोटे से कमरे में 7 लोगों के साथ रहते थे अमिताभ, 1640 रुपये थी तनख्वाह, महानायक ने शेयर की पुरानी यादें…

बिग बी ने अपने शुरुआती दिनों में काफी संघर्ष किया है. अपने ब्लॉग में, अमिताभ बच्चन ने अच्छे पुराने दिनों को याद किया. उन्होंने कोलकाता में अपने शुरुआती दिनों को याद किया, जब वह साल 1968 में एक महीने में 1640 रुपये कमाते थे.

अमिताभ बच्चन का शानदार करियर 5 दशकों से अधिक का है. उनकी लोकप्रियता और प्रसिद्धि बेजोड़ है. सदी के महानायक अमिताभ बच्चन की बड़े पैमाने पर फैन फॉलोइंग हैं. हालांकि, बिग बी ने अपने शुरुआती दिनों में काफी संघर्ष किया है. अपने ब्लॉग में, अमिताभ बच्चन ने अच्छे पुराने दिनों को याद किया. उन्होंने कोलकाता में अपने शुरुआती दिनों को याद किया, जब वह साल 1968 में एक महीने में 1640 रुपये कमाते थे.

उन्होंने यह भी लिखा कि तब वह 7 लोगों के साथ एक छोटे से कमरे में रहा करते थे.अपने ब्लॉग में, अमिताभ बच्चन ने एक ट्वीट का स्क्रीनशॉट साझा किया जिसमें लिखा था, “कोलकाता में ब्लैकर्स कंपनी में @SrBachchan की नौकरी का आखिरी दिन 30 नवंबर 1968 था…वेतन 1640 रुपये…फाइल आज तक वहीं सुरक्षित है.”

बिग बी ने तब इस बात पर हैरानी जताई कि इतने सालों के बाद भी इसका रिकॉर्ड बना हुआ है. उन्होंने आगे कहा कि कोलकाता में वे दिन उनके जीवन के सबसे स्वतंत्र और खाली समय वाले दिन थे. अमिताभ बच्चन ने साझा किया कि वह 10 वर्ग फुट के कमरे में 7 लोगों के साथ रह रहे थे. उन्होंने अपने ब्लॉग में लिखा, “हम सभी 8 लोग 10’बाई 10′ के कमरे में…वो दिन थे मेरे दोस्त…ऑफिस का समय…फिर शाम को लोगों के साथ लोकप्रियता की खोज में निकल पड़ना…कहीं घूमने के लिए पैसे नहीं थे, लेकिन इस उम्मीद के साथ खड़े थे कि किसी दिन हम कर सकेंगे…और हमने किया…गेटकीपर्स को मक्खन लगाया…उन्हें बताया कि जब समय सुधरेगा तो हम उनकी देखभाल करेंगे…हाहा कभी नहीं हुआ…

उन्होंने आगे लिखा, “लेकिन…अब जब नए प्रोफेशन में आए…तब शहर में शूट…एक ही जगह जाना,वहां जाने के लिए इनवाइट होना…और ये बदलाव…उन पुराने जमाने और लोगों से मिलना और उन्हें पुराने जमाने का मनचाहा वादा देना…विजिट करना,रात के मध्य में निवास की सभी सड़कें पर घूमना…और प्रत्येक स्थान को याद करते हुए कि वहां क्या हुआ…कुछ अप्रिय लेकिन आम तौर पर सभी घटनाओं की अच्छाई में ढूंढना…कुछ दोस्त खो गए…उनमें से कुछ समय अभी भी आसपास है…पुरानी यादें बनकर…और उनका वो प्यार जो आखिरी तक हमारे साथ रहा…याद आता है.

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