उत्तराखंड: राज्य में समान नागरिक संहिता जल्द लागू होने जा रही है। यूनिफॉर्म सिविल कोड का मसौदा तैयार करने के लिए बनी कमेटी 2 फरवरी को अपना ड्राफ्ट प्रदेश सरकार को सौंपेगी और आगामी विधानसभा सत्र में विधेयक लाकर समान नागरिक संहिता को प्रदेश में लागू होगा।
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने अपने सोशल मिडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट कर लिखा है कि प्रधानमंत्री मोदी के ‘एक भारत,श्रेष्ठ भारत’ के विजन और चुनाव से पहले उत्तराखण्ड की देवतुल्य जनता के सामने रखे गए संकल्प और उनकी आकांक्षाओं के अनुरूप प्रदेश सरकार समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए प्रतिबद्ध रही है। यूनिफॉर्म सिविल कोड का मसौदा तैयार करने के लिए बनी कमेटी 2 फरवरी को अपना ड्राफ्ट प्रदेश सरकार को सौंपेगी और आगामी विधानसभा सत्र में विधेयक लाकर समान नागरिक संहिता को प्रदेश में लागू करेंगे।
आपको बता दें कि उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने की घड़ी अब करीब आ गई है। यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए 27 मई 2022 को सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजना देसाई की अध्यक्षता में विशेषज्ञ समिति गठित कर दी गई थी जो आगामी दो फरवरी को यूसीसी का ड्राफ्ट प्रदेश सरकार को सौंप देगी और आगामी विधानसभा सत्र में विधेयक लाकर समान नागरिक संहिता को प्रदेश में लागू कर दिया जाएगा। 24 के रण से पहले उत्तराखंड में यूसीसी लागू करना सीएम धामी का मास्टरस्ट्रोक होगा जिसकी काट विपक्ष के लिए मुश्किल होने जा रही है।
- पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति में इनको किया गया है शामिल
- दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति प्रमोद कोहली
- उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह
- दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल
- सामाजिक कार्यकर्ता मनु गौड़.
देहरादून- UCC ड्राफ्ट पर CM पुष्कर धामी का बड़ा बयान, UCC के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध- सीएम धामी
— भारत समाचार | Bharat Samachar (@bstvlive) January 29, 2024
➡2 फरवरी को सरकार को UCC ड्राफ्ट सौंपेगी कमेटी
➡आने वाले विधानसभा सत्र में ड्राफ्ट पेश किया जा सकता है
➡विधानसभा सत्र में UCC पर ड्राफ्ट पटल पर रखा जा सकता है.#Dehradun… pic.twitter.com/V2XGDm8kB3
क्या है समान नागरिक संहिता
अभी तक देश में निवास कर रहे सभी धर्म और समुदाय के लोगों के लिए अलग-अलग कानून है। इन कानूनों के हिसाब से ही शादी, तलाक, विवाह पंजीकरण, बच्चा गोद लेना और सम्पत्ति के बंटवारे जैसे व्यक्तिगत मामलों में निर्णय होते हैं। UCC में देश में निवास कर रहे सभी धर्म और समुदाय के लोगों के लिए समान कानून की वकालत की गई है। इसके लागू होते ही सभी धर्म के लोगों के लिए एक समान कानून लागू हो जाएगा।