योगी के मंत्री को जिंदा जलाने का ऐलान करने वाले सपा नेता पर केस दर्ज

उत्तर प्रदेश सरकार के राज्य मंत्री और मेरठ दक्षिण से विधायक डॉ सोमेंद्र तोमर को जिंदा जलाने की धमकी के मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है। समाजवादी पार्टी के नेता और सपा सरकार में मंत्री रहे मुकेश सिद्धार्थ के खिलाफ यह मुकदमा दर्ज कराया गया है। मुकेश सिद्धार्थ ने आज मेरठ कलेक्ट्रेट में दलित समाज के प्रदर्शन के दौरान भीड़ को उकसाते हुए राज्य मंत्री सोमेंद्र तोमर को जिंदा जलाने का ऐलान किया था। मुकेश सिद्धार्थ ने यह भी कहा कि मंत्री को आग में जलाने के बाद उसका घर भी जलाया जाएगा।

मेरठ कलेक्ट्रेट में शनिवार करीब 1 बजे हजारों की तादाद में दलित समाज के लोग धरना प्रदर्शन करने पहुंचे थे। उनके हाथों में तख्तियां थी और वह सरकार विरोधी नारे लगा रहे थे। प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि यूपी सरकार के राज्य मंत्री डॉ सोमेंद्र तोमर और विधान परिषद के सदस्य धर्मेंद्र भारद्वाज के खिलाफ पुलिस मुकदमा दर्ज करें और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए। दलित समाज का यह धरना प्रदर्शन समाजवादी पार्टी के नेता और हस्तिनापुर के पूर्व विधायक योगेश वर्मा के नेतृत्व में चल रहा था।

अलग-अलग विपक्षी दलों के कई नेता भी इस प्रदर्शन में पहुंचे थे और उन्होंने दलित समाज की इस मांग का समर्थन किया कि आरोपियों पर पुलिस कार्रवाई करें।

भीड़ को उकसाया और कर दिया मंत्री को जिंदा जलाने का ऐलान-

इसी दौरान समाजवादी पार्टी के नेता और सपा सरकार में मंत्री रहे मुकेश सिद्धार्थ के हाथ में जब माइक आया तो उन्होंने भीड़ को उकसाना शुरू कर दिया। मुकेश सिद्धार्थ ने बेहद गैर जिम्मेदारान लहजे में भीड़ को संबोधित करते हुए कहा कि अगर 10 जनवरी तक सोमेंद्र तोमर और धर्मेंद्र भारद्वाज की गिरफ्तारी पुलिस नहीं करती तो अलग रणनीति बनाई जाएगी। जनता को उकसाते हुए उन्होंने इस रणनीति के लिए समाज का समर्थन मांगा और फिर आग लगने वाली बात कही दी।

मुकेश सिद्धार्थ ने कहा कि 10 तारीख के बाद राज्य मंत्री सोमेंद्र तोमर को जिंदा जला दिया जाएगा इतना ही नहीं उनका घर जलाने का भी मुकेश सिद्धार्थ ने ऐलान किया और जनता से कहा कि वह इस काम में उनका समर्थन चाहते हैं। मुकेश सिद्धार्थ ने यह बात अपने 4 मिनट के भाषण में दो बार दोहराई।

समाज और साथी नेताओं ने मुकेश सिद्धार्थ के ऐलान से खींचे हाथ-

हालांकि धरना प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे योगेश वर्मा ने माइक हाथ में आते ही मुकेश सिद्धार्थ के इस बयान का खंडन करते हुए कहा कि हम शांतिप्रिय लोग हैं और संविधान के हिसाब से कार्रवाई चाहते हैं। उन्होंने साफ किया कि मुकेश सिद्धार्थ के इस बयान से इस धरना प्रदर्शन का कोई भी संबंध नहीं है और वह मुख्य सिद्धार्थ के इस बयान का समर्थन नहीं करते हैं।

बार-बार अपना ऐलान दोहराता रहा मुकेश सिद्धार्थ-

धरना प्रदर्शन खत्म होने के बाद मुकेश सिद्धार्थ से जब भारत समाचार ने एक्सक्लूसिव बातचीत की तो वह अपने बयान पर अड़े रहे। उन्होंने कहा कि उनका समाज लगातार भाजपा के नेताओं का शिकार हो रहा है। ऐसे में चुप नहीं बैठा जा सकता। क्रांति खून मानती है और हम खून बहने के लिए तैयार हैं। उन्होंने इस बातचीत में भी दो-तीन बार मंत्री को जिंदा जलाने और उनके घर को आग लगाने वाला ऐलान दोहराया।

इन गंभीर धाराओं में दर्ज हुआ है मुकदमा –

मेरठ के सिविल लाइन थाने में पुलिस की ओर से मुकेश सिद्धार्थ के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है। मुकेश सिद्धार्थ के खिलाफ आईपीसी की धारा 143, 153, 153-ए, 115, 353, 505, 2, 506 और 7 क्रिमिनल अमेंडमेंट एक्ट के अंतर्गत मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस के मुताबिक इस मामले में जल्द ही आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

तो क्या आज रात ही लगेगी मुकेश सिद्धार्थ को हथकड़ियां-

मेरठ के सिविल लाइन थाने में मुकदमा दर्ज होने के बाद समाजवादी पार्टी के नेता मुकेश सिद्धार्थ के ऊपर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है। यह माना जा रहा है कि आज जो बयान मुकेश सिद्धार्थ ने दिया उसके बाद से भाजपा संगठन में उनके खिलाफ काफी आक्रोश है। आगे आने वाले दिनों में यह आक्रोश भाजपा कार्यकर्ताओं और नेताओं में दिखाई देगा। बीजेपी इस मामले में रविवार या सोमवार को भारी दमखम के साथ प्रदर्शन कर सकती है। माना जा रहा है कि पुलिस इस दबाव को अच्छे से समझ रही है और आज रात में ही मुकेश सिद्धार्थ की गिरफ्तारी की जा सकती है।

आज क्यों हुआ था कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन-

30 दिसंबर 2023 को मेरठ के नगर निगम में बोर्ड बैठक का आयोजन किया गया था। इस बोर्ड बैठक में 1000 करोड़ से ज्यादा के प्रस्तावों पर मुहर लगाई जानी थी। बैठक के दौरान पक्ष और विपक्ष के बीच थोड़ी तनातनी हुई। इसके बाद बीजेपी के एमएलसी धर्मेंद्र भारद्वाज पार्षदों के बीच पहुंच गए और उन्होंने वहां एक दलित पार्षद पर हाथ छोड़ दिया। इसके बाद पक्ष और विपक्ष के पार्षदों के बीच जमकर मारपीट हंगामा हुआ।

सदन से बाहर निकलने के बाद दो दलित पार्षदों की सड़क पर दौड़ा-दौड़ा कर पिटाई की गई। यह पार्षद समाजवादी पार्टी के कुलदीप घोपला और बहुजन समाज पार्टी के आशीष चौधरी थे। इसी दौरान शूट किए गए एक वीडियो में उत्तर प्रदेश सरकार के राज्य मंत्री डॉ सोमेंद्र तोमर और एमएलसी धर्मेंद्र भारद्वाज समाजवादी पार्टी के दलित पार्षद कुलदीप घोपला की पिटाई करते हुए नजर आए। कुलदीप घोपला को यह दोनो नेता ही नहीं, कई पार्षद और बीजेपी के कार्यकर्ता भी बुरी तरह पीट रहे थे। पुलिस बामुश्किल दोनों को भीड़ से बचाकर थाने तक लाई और कई घंटे तक उन्हें अपनी सुरक्षा में रखा।

घटना के कई घंटे बाद बहुजन समाज पार्टी के पार्षद आशीष चौधरी से पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ एक तहरीर ली और मामूली मुकदमा दर्ज कर लिया। इससे पहले आशीष चौधरी और कुलदीप घोपला की ओर से एक तहरीर पुलिस को दी गई थी जिसमें वीडियो के आधार पर दोनों दलित पार्षदों की पिटाई करने वाले नेताओं और भाजपा कार्यकर्ताओं के नाम लिखे गए थे। समाजवादी पार्टी के नेता दलित पार्षदों की पिटाई के मामले में नामजद मुकदमा दर्ज कराना चाहते हैं और इसके लिए कई दिनों से लगातार आंदोलन जारी था।

इस मामले में कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय, आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चन्द्रशेखर आजाद, राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी और समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल पीड़ित पार्षदों के घर जाकर उनके संघर्ष का समर्थन कर चुके है. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी दलित पार्षदों के पक्ष में एक्स पर पोस्ट किया था.

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