दिल्लीः केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया के जरिए जानकारी देते हुए बताया कि ‘मुस्लिम लीग जम्मू-कश्मीर’ को केंद्र ने बैन कर दिया गया है। शाह ने कहा कि ‘मुस्लिम लीग जम्मू-कश्मीर’ संगठन लोगों को जम्मू-कश्मीर में इस्लामी शासन स्थापित करने के लिए उकसाता है। मोदी सरकार का संदेश बिल्कुल स्पष्ट है कि भारत की एकता, संप्रभुता और अखंडता के खिलाफ काम करने वाले किसी भी व्यक्ति को कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। केंद्र सरकार ने बुधवार (27 दिसंबर) को मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर-मसरत आलम गुट (एमएलजेके-एमए) पर बैन लगा दिया। सरकार ने ये कार्रवाई गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम कानून (UAPA) के तहत की है। ‘मुस्लिम लीग जम्मू-कश्मीर’ संगठन पर आरोप है कि उसके सदस्य जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में शामिल थे और आतंकी समूहों का समर्थन कर रहे थे। इस बात की जानकारी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया के जरिए दी।
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— भारत समाचार | Bharat Samachar (@bstvlive) December 27, 2023
➡केंद्रीय गृह मंत्रालय ने की बड़ी कार्रवाई
➡मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर को किया बैन
➡मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर पर UAPA लगा
➡UAPA के तहत गैरकानूनी संघ घोषित किया
➡राष्ट्र-विरोधी,अलगाववादी गतिविधियों में था शामिल
➡आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करने पर कार्रवाई… pic.twitter.com/s4hu5vHdxL
गृहमंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर (मसरत आलम गुट)/एमएलजेके-एमए को यूएपीए के तहत एक ‘गैरकानूनी संघठन’ घोषित किया गया है। यह संगठन और इसके सदस्य जम्मू-कश्मीर में राष्ट्र-विरोधी और अलगाववादी गतिविधियों में शामिल हैं, आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करते हैं और लोगों को जम्मू-कश्मीर में इस्लामी शासन स्थापित करने के लिए उकसाते हैं।” गृह मंत्री ने आगे कहा, “पीएम नरेंद्र मोदी सरकार का संदेश जोरदार और स्पष्ट है कि हमारे राष्ट्र की एकता, संप्रभुता और अखंडता के खिलाफ काम करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा और उसे कानून के पूर्ण प्रकोप का सामना करना पड़ेगा।”
मसरत आलम कौन है ?
द हिंदू के मुताबिक, मसरत आलम साल 2010 में घाटी में हुए प्रो-आजादी प्रोटेस्ट के मुख्य आयोजकों में से एक था। उस दौरान के विरोध प्रदर्शनों के बाद आलम को कई अन्य नेताओं के साथ गिरफ्तार किया गया था और साल 2015 में जब महबूबा मुफ्ती सरकार आई तो रिहा कर दिया गया था। इसके बाद ही पीडीपी और बीजेपी के गठबंधन में दरार आई थी।