राज्यसभा चुनाव में जीतने के लिए यूपी के राजनितिक दलों के बीच छिड़ी जंग में सोमवार यानी 26 फ़रवरी को अचानक से एक दिलचस्प मोड़ आ गया है। दरसल, चुनाव में जीत के लिए सपा अपने तीसरे और बीजेपी अपने आठवें उम्मीदवार पर पूरा जोर लगा रही है। दोनों ही पार्टियों की नजर कुंडा के रघुराज प्रताप सिंह उर्फ़ राजा भैया पर टिकी हैं। भाजपा से लेकर विपक्षी दल के नेता राजा भैया के दरवाजे पर पहुंच रहे हैं। इस बीच सोमवार यानी 26 फरवरी को राजा भैया ने मीडिया से बात चीत में अपना रूख साफ़ कर दिया है। उन्होंने कहा कि, इस चुनाव में वो बीजेपी का साथ देंगें। उनके पार्टी का वोट भाजपा के ही पक्ष में डाले जाएंगे।
दरअसल, आज मीडिया से बात करते हुए रघुराज प्रताप सिंह ने बताया कि, राज्यसभा चुनाव में जनसत्ता दल का वोट भारतीय जनता पार्टी को ही जाएगा।” इस बीच जब उनसे समाजवादी पार्टी से मुलाकात को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने अपना रुख साफ़ करते हुए कहा कि, “सपा के लोग आए थे, चुनाव के समय सभी संपर्क करते हैं मगर हमारी पार्टी के वोट बीजेपी उम्मीदवार के पक्ष में डाले जाएंगे।” इस बीच ओम प्रकाश राजभर पर चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि, “राजभर हमारे पुराने मित्र हैं।”
गौरतलब है कि हाल ही में समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम जेडीएल प्रमुख राजा भैया से उनके आवास पर मुलाकात करने पहुंचे थे। उस दौरान उनके सपा के साथ जाने की अटकलें लगाई जाने लगी थीं। हालांकि, इसके अगले ही दिन UP BJP के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी भी उनसे मिलने पहुंच गए। दूसरी तरफ, खुद CM योगी ने भी राजा भैया से मुलाकात कर राज्यसभा और लोकसभा, दोनों ही चुनाव के लिए उनका समर्थन मांगा था। जिसके बाद आज खुद प्रतापगढ़ से कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह ने अपना रुख साफ़ करते हुए भाजपा के साथ जाने का ऐलान कर दिया है।
राजा भैया का बीजेपी के साथ जाना तय था
प्रदेश में राजा भैया का साथ पाने के पीछे की ये पूरी लड़ाई राजपूत वोट बैंक के लिए छिड़ी हुई है। ऐसे में ये बात ध्यान देने वाली है कि राजपूत वोट बैंक बीजेपी के अधिक करीब है। वहीं, पूर्व के कई अहम मौको पर राजा भैया की पार्टी बीजेपी के साथ खड़ी नजर आई है। ऐसे में राजा भैया का बीजेपी के साथ जाने के पीछे इन वजहों को मुख्य फैक्टर के रूप में देखा जा सकता है।
सपा से कहां हुई चूक
वहीं, दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी की बात करें तो साल 2022 का विधानसभा चुनाव आप सबको याद ही होगा। जब सपा ने राजा भैया के करीबी रहे गुलशन यादव को कुंडा से टिकट देकर राजा के खिलाफ मैदान में उतारा था। इस चुनाव में दोनों के बीच खूब तीखे जुबानी हमले चलें थे। प्रतापगढ़ पहुंचे अखिलेश ने तो राजा भैया को पहचानने तक से इनकार कर दिया था। कहा था कि ‘कौन राजा भैया’। सपा सुप्रीमो ने कुंडा में कुंडी लगाने तक की बात कर दी थी। जिसपर राजा भैया ने भी जवाब देते हुए उन्हें चुनौती दे दी थी। उन्होंने कहा था कि, “धरती पर अभी कोई माई का लाल पैदा नहीं हुआ जो कुंडा में कुंडी लगा दे।”
इसके बाद से ही दोनों में तकरार जारी था। हालाँकि हाल ही में एक निजी कार्यक्रम में रघुराज प्रताप और अखिलेश की सार्वजनिक मुलाकात हुई तो थी, मगर राजा भैया का ईतिहास देखने के बाद ऐसा प्रतीत नहीं होता की वो ये तार्किक बेज्जती इतनी आसानी से भूल जाएंगे। खैर राज्यसभा चुनाव में अब कुछ ही वक़्त शेष है ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि राजा भैया का सपा को नजरअंदाज करके भाजपा का साथ देना आने वाले समय में क्या गुल खिलाएगा।