आंसर शीट पर लिखा “जय श्री राम” और गुरु जी ने दे दिया 56% अंक, जौनपुर का अजब-गजब कारनामा!

UP के जौनपुर का पूर्वांचल विश्वविद्यालय चर्चाओं का विषय बना हुआ है। जहां, जय श्री राम लिखकर कुछ छात्र 56% अंक के साथ पास हो गए...

देश में बिगड़ती शिक्षा व्यवस्था की स्थिति आप सबसे छुपी नहीं है। आए दिन शिक्षा से जुड़े संस्थानों में ज्ञान के मंदिर का मखौल बनाना मानों आम बात हो गई है और जब बात उत्तर प्रदेश की हो तो इस मामले में तो प्रदेश के छात्र अव्वल हैं। जो एग्जाम के आंसर शीट में ऐसे-ऐसे उत्तर लिख रहे हैं, जिसे पढ़कर हर कोई हैरान व परेशान है। दरअसल एक ऐसे ही मामले में आजकल उत्तर प्रदेश के जौनपुर का पूर्वांचल विश्वविद्यालय चर्चाओं का विषय बना हुआ है। जहां, जय श्री राम लिखकर कुछ छात्र 56 फीसद अंक के साथ पास हो गए। क्यों चौंक गए न आप भी…? सोचने वाली बात ये है कि छात्र तो ठहरे छात्र! मगर वो शिक्षक कैसा था जिसने इतना बड़ा कारनामा किया है..? तो चलिए आपको पूरा मामला बता देते हैं….

जौनपुर के वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में फार्मेसी प्रथम वर्ष के चार छात्रों के कॉपी में जय श्रीराम और भारतीय क्रिकेटरों के नाम लिखकर 56 प्रतिशत अंकों के साथ पास होने का अनोखा मामला सामने आया है। जिसके सामने आने के बाद न सिर्फ यूनिवर्सिटी प्रशासन में बल्कि प्रदेश में भी हड़कंप मच गया है। हालांकि, मामला सामने आने के बाद परीक्षा समिति ने दो शिक्षक डॉ. आशुतोष गुप्ता और डॉ. विनय वर्मा को दोषी मानते हुए इनके खिलाफ कार्यमुक्त की कार्रवाई की गई है।

यहां सबसे पहले हमे ये जानना जरूरी है कि आखिर ये नंबर घोटाला सामने कैसे आया। तो भैया इसका सारा श्रेय जाता है वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल यूनिवर्सिटी के ही एक पूर्व छात्र को, जिसने उत्तर पुस्तिका के दोबारा मूल्यांकन की मांग को लेकर आरटीआई दाखिल किया था। जिसके बाद उत्तर पुस्तिका के दोबारा मूल्यांकन की मांग वाले RTI के तहत विश्वविद्यालय से जानकारी मांगी गई। इसके लिए सभी 18 छात्रों के रोल नंबर दिए गए और उनके आंसर शीट को दोबारा से चेक करने का निर्देश जारी किया गया। जब दोबारा कॉपी चेक हुई तो पता चला कि चार छात्रों ने अपनी कॉपी में जय श्री राम और क्रिकेटर्स के नाम लिखे और फिर भी शिक्षकों ने छात्रों को 75 में से 42 अंक देकर 56 प्रतिशत नंबर से पास कर दिया। सिर्फ उन्हीं को नहीं बाकी के तीन छात्रों को भी 50 से ज्यादा नंबर दे दिया।

यहां हैरानी की बात यह है कि इन छात्रों ने एक लाइन में जय श्री राम लिख दिया और ऊपर फार्मेसी एज अ करियर है और आगे सन्नाटा है, जय श्री राम… लिखते हुए अपनी बुद्धि का उदाहरण दिया। एक छात्र ने तो लिखा है, “जय हनुमान जी… !

अब जरा आप सोचिए ऐसा करने वाले छात्र को टीचर ने 56 फीसद नंबर कैसे दे दिया है। इस छात्र ने न सिर्फ भगवान को याद किया बल्कि भारतीय टीम के कई खिलाड़ियों के नाम भी उत्तर पुस्तिका में डाले हैं जैसे रोहित शर्मा के साथ विराट कोहली याद आ गए और हार्दिक भी याद आ गए और हैरानी की बात यह है कि मास्टर साहब ने इसे भी चेक कर दिया और फटाक से नंबर भी दे दिया।

हद तो तब हो गई जब इन्होंने भगवान के नाम की स्पेलिंग में भी गड़बड़ कर रखा है। जी हाँ उन्होंने वो भी ठीक से नहीं लिखा है। खैर पास तो हो गए ना। अब सोचिए डी फार्मा जैसे शिक्षा क्षेत्र में ऐसा खिलवाड़ जो खुद मेडिकल से जुड़ा हुआ है। इस क्षेत्र से पढ़ाई करने के बाद कोई फार्मेसिस्ट बनता है तो कोई अस्पताल फार्मेसी क्षेत्र में करियर बनाता है और खुद का मेडिकल स्टोर खोल सकता है। मगर ऐसे शिक्षकों की लापरवाही के वजह से एग्जाम में जय श्री राम और खिलाड़ियों के नाम लिखने वाले छात्र अच्छे नंबरों से पास होने वाले ये नौजवान कुछ काम करेंगे तो क्या वो लोगों की जान से खिलवाड़ नहीं होगा? आखिर इसकी क्या गारंटी है कि वो आगे चलके लोगों की जिंदगी के लिए खतरा नहीं बनेंगे। यहां सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर इसका जिम्मेदार कौन है वो शिक्षक जिन्होंने चार छात्रों को पास कर दिया। या वो शिक्षा व्यवस्था जो ऐसे शिक्षकों को ज्ञान के मंदिर में खिलवाड़ करने के लिए रखा हुआ है।

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