Prayagraj: शिक्षक भर्ती में लाखों का फर्जीवाड़ा, 18 लाख में बिके थे पीजीटी और टीजीटी के नियुक्ति पत्र

पीजीटी और टीजीटी परीक्षा- 2021 में फेल होने वाले नौ अभ्यर्थियों ने 18-18 लाख रुपये में नियुक्ति पत्र खरीदा था.

प्रयागराज- शिक्षक भर्ती की परीक्षा में फेल होने वालों अभ्यर्थियों के साथ बड़ा फर्जीवाड़ा हुआ है.उत्तर प्रदेश में भर्ती माफिया के हौसले बुलंद हो गए है.

दरअसल, शिक्षक भर्ती की परीक्षा में फेल होने वाले अभ्यर्थियों को सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देकर गिरोह के सरगना ने डेढ़ करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की है. लाखों रुपये देकर नियुक्ति पत्र खरीदने वालों में प्रयागराज, मिर्जापुर, मेरठ के दो-दो और सीतापुर, वाराणसी, मुजफ्फरनगर के एक- एक अभ्यर्थी हैं.इसमें चार महिलाएं और पांच पुरुष हैं और कहा जा रहा कि सभी संपन्न परिवार से हैं.

इनमें से कुछ महिलाओं के परिवार के लोग शिक्षक भी हैं.खास बात ये है कि उन्हीं अभ्यर्थियों को चुना गया था, जो पीजीटी टीजीटी 21 की परीक्षा दिए थे.

पीजीटी और टीजीटी परीक्षा- 2021 में फेल होने वाले नौ अभ्यर्थियों ने 18-18 लाख रुपये में नियुक्ति पत्र खरीदा था. इन अभ्यर्थियों से भर्ती माफिया ने आठ लाख रुपये एडवांस ले लिए थे.बाकी के 10 लाख नियुक्ति के बाद लेने की बात कही गई थी. पर तब तक सारा भेद खुल गया. सभी के नियुक्ति पत्र फर्जी थे. इनके खिलाफ 29 अप्रैल को कानपुर की कर्नलगंज थाने में मुकदमा भी दर्ज हो गया.

ध्यान देने वाली बात ये भी कि प्रतीक्षा सूची से चयन के समय उसने नियुक्ति पत्र जारी किया, जिससे किसी को शक भी न हो. माध्यमिक शिक्षा निदेशालय में जुलाई से सितंबर तक पीजीटी- टीजीटी 21 की प्रतीक्षा सूची से रिक्त पदों के सापेक्ष चयन हुआ. उसी दौरान भर्ती माफिया ने नियुक्ति पत्र कानपुर भेजा. दिसंबर से वहां पर नियुक्ति दी जाने लगी. दो महिलाएं नियुक्त हो गई और शिक्षण कार्य करने लगी. अप्रैल में चयन बोर्ड से प्रमाण पत्रों का सत्यापन शुरू हुआ तो फर्जीवाड़ा पकड़ में आ गया. फर्जी नियुक्ति पत्र से नौकरी पाने वालों ने बताया कि 18 लाख रुपये में बात तय हुई थी.

नियुक्ति से पहले आठ आठ लाख रुपये दे दिया था. बाकी धनराशि नियुक्त होने के बाद देनी थी. अब पकड़े गए तो खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं.पैसे भी गए और मामले में मुकदमा भी हो गया है. भर्ती माफिया तक पहुंचने के लिए पुलिस जांच कर रही.साथ ही ये भी फर्जी नियुक्ति पत्र जारी करने वाले के तार शिक्षा विभाग से जुड़े हैं. अंदाजा ये भी लगाया जा रहा है कि कई और लोगों को ऐसे ही ठगी हुई है.ऐसे में सभी जिलों में जांच शुरू हो गई है.

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