इस सीट से चुनाव लड़ेंगे सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव, कल दोपहर 12 बजे दाखिल करेंगे नामांकन

कन्नौज लोकसभा सीट के जातीय-सामाजिक समीकरणों पर ध्यान दें तो यह सीट यादव-मुस्लिम बाहुल्य सीट मानी जाती है। जहां सपा का राज रहा है।

इस लोकसभा चुनाव में सपा चीफ अखिलेश यादव कहां से मोर्चा संभालेंगे… ? इस सवाल ने सभी के मन में काफी लम्बे समय तक घर बनाए रखा। लोगों को लम्बे समय से इसके जवाब का इंतजार था। कहीं आप भी इसी सवाल का जवाब तो नहीं धुंध रहे हो। अगर हाँ तो गुरु आपका इंतजार ख़त्म हो गया। सूत्रों से खबर मिली है कि अखिलेश यादव इस बार के लोकसभा चुनाव में कन्नौज लोकसभा से चुनाव लड़ने का मन बना चुके हैं। हालांकि, उनके यहाँ से लड़ने की अटकलें पहले से ही लगाई जा रही थी मगर इन्हीं अटकलों पर समाजवादी पार्टी के सोशल मीडिया ने बड़ा बयान देते हुए पूर्ण विराम लगा दिया है।

दरअसल, बुधवार यानी 24 अप्रैल को  समाजवादी पार्टी के सोशल मीडिया X से इस बात का ऐलान किया गया है। जिसके तहत सपा सुप्रीमो इस बार कन्नौज से मोर्चा संभाल सकते हैं। हालांकि इस पूरे मामले पर अखिलेश यादव ने साफ तौर पर कोई भी आधिकारिक बयान नहीं दिया है, मगर उन्होंने यहां से लड़ने से इंकार भी नहीं किया है।

बता दें, सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर पोस्ट करते समाजवादी पार्टी ने बताया कि, “माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव जी कल अपराह्न 12 बजे कन्नौज लोकसभा से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी के रूप में नामांकन पत्र दाखिल करेंगे।”

यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि समाजवादी पार्टी के तरफ से अभी दो दिन पहले ही यहां के उम्मीदवार के रूप में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के दामाद तेज प्रताप यादव के नाम का ऐलान किया गया था और तेजप्रताप यादव खुद अखिलेश के भतीजे भी हैं। इस बीच अखिलेश के कन्नौज से चुनाव लड़ने की ख़बरों पर तेजप्रताप यादव की पत्नी  राजलक्ष्मी ने भी सोशल मीडिया के जरिये अपनी प्रतिक्रिया दी है।

इस पूरे मामले पर पोस्ट करते हुए तेज प्रताप यादव की पत्नी राजलक्ष्मी ने सोशल मीडिया पर लिखा है की, “पार्टी ने जो फैसला लिया है वो बिलकुल सही है।”

अब समझते हैं कन्नौज का जातीय समीकरण क्या कहता है

इस बीच अगर कन्नौज लोकसभा सीट के जातीय-सामाजिक समीकरणों पर ध्यान दें तो यह सीट यादव-मुस्लिम बाहुल्य सीट मानी जाती है। जहां की जनता के दिलों पर सपा का राज रहा है। इस लोकसभा सीट में कुल मतदाता करीब 18 लाख हैं जिनमें से 10 लाख पुरुष तो 8 लाख महिलाएं हैं। यहां करीब 16 फीसदी मुस्लिम और करीब-करीब इतने ही यादव है। वहीं ब्राह्मण मतदाता भी 15 फीसदी है। साथ ही यहां करीब 10 फीसदी राजपूत और 39 फीसदी अन्य जाति-वर्ग के मतदाता हैं जिसमें बड़ा हिस्सा दलित वोटर्स का है। यानी यहां दलित मुस्लिम और यादव निर्णायक की भूमिका निभाते हैं। ऐसे में यहां से अखिलेश के उम्मीदवार बनना, BJP के लिए किसी मुसीबत से कम नहीं है। 

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