
रणवीर सिंह की फिल्म जयेशभाई जोरदार का ट्रेलर के लॉन्च होने के बाद से ही फिल्म में कई सीन को लेकर लोगो ने आपत्ति जाहिर की है. ट्रेलर में भ्रूण का लिंग निर्धारण करने संबंधी दृश्य पर सोमवार को चिंता जताई और निर्माताओं से कहा कि अवैध चलन को नियमित तरीके से नहीं दिखाया जा सकता और इसे महत्वहीन नहीं बनाया जा सकता है. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी की अध्यक्षता वाली पीठ ने यशराज फिल्म्स से फिल्म के प्रासंगिक हिस्से उसे दिखाने के लिए कहा. पीठ ने कहा कि “कुल मिलाकर संदेश” अच्छा हो सकता है, लेकिन यह नहीं दिखाया जा सकता कि गर्भवती महिला को भ्रूण के लिंग का पता लगाने के लिए सोनोग्राम मशीन वाले किसी क्लिनिक में ले जाया जा सकता है.

हाई कोर्ट की पीठ से फिल्म के कुछ दृष्यों पर आपत्ति जताते हुए कहा, दृश्यों को हटाने के अनुरोध वाली एक जनहित याचिका दायर की गई थी. जिसकी सुनवाई करते हुए पीठ ने कहा, ‘‘आप देख सकते हैं कि यह दिखाने के लिए कुछ भी वजह नहीं है कि महिला को गुप्त रूप से ले जाया जाता है या यह कानूनी नहीं है या (दृश्य में) अभिनेता को पता है कि यह एक अपराध है. जो बात सामने आ रही है, वह यह है कि किसी भी गर्भवती महिला को सोनोग्राम मशीन वाले केंद्र में ले जाया जा सकता है और यह सामान्य रूप से किया जा सकता है.’’