Uttarakhand: खिसक रहे पहाड़, टूट रहे मकान, आसमान से बरसती तबाई सब त्राहि-त्राहि

आसमान से बरसी तबाही ने उत्तराखंड का जर्रा जर्रा हिला दिया, पहाड़ी क्षेत्रों के साथ मैदानी क्षेत्रों में कुदरत के कहर में सब बहकर चला गया

कुदरत के कहर की चपेट में देश के कई राज्यों के साथ उत्तराखंड राज्य में अछूता नहीं है,आसमान से बरसी तबाही ने उत्तराखंड का जर्रा जर्रा हिला दिया,पहाड़ी क्षेत्रों में मौत का तांडव तो मैदानी क्षेत्रों में जल का विनाशकारी रूप, चारों तरफ खौफनाक नजारे ही नजारे बारिश से पहले की राहत की तैयारी कुदरत के कहर के बहकर चली गई, बारिश ने थोड़ी सी राहत दी तो फिर से तैयारी में जुट गए अधिकारी।

जहां एक तरफ चिलचिलाती धूप से लोगों के हाल बेहाल थे सूरज से बढ़ता पारा लोगों की जिंदगी से खेल रहा था, भीषण गर्मी से बचने के लिए लोग आसमान की तरफ आंखें उठाए उम्मीद की आश लगाए बैठे थे। और बस यही दुआ कर रहे थे कि आसमान से कुछ बरसे तो गर्मी से राहत मिले, लेकिन आसमान से आई आफत लोगों की जिंदगी लेने में लग गई।

देश के कई राज्यों के साथ उत्तराखंड में भी बारिश ने तबाही के वह नजारे दिखाएं जिससे उत्तराखंड जर्रा जर्रा हिल गया। पहाड़ खिसकने लगे मकान डूबने लगे, जिंदगियां खत्म होने लगी, नालो ने खुखर नदियों का रूप अख्तियार करना शुरू दिया , सड़कें समुंदर बनने लगी, जमीने धंसने लगी, किसको पता था कि कुदरत का कहर एक बार फिर आसमान से बरसेगा।

हालांकि उत्तराखंड में मौसम विभाग ने बारिश को लेकर अलर्ट भी जारी कर दिया था और धामी सरकार के निर्देशों पर अधिकारियों ने बढ़ते खतरे को भाप लिया, और तैयारी भी शुरू कर दी पर किस को पता था कि कुदरत की तरफ से ऐसी तबाही आएगी के अधिकारियों की तैयारियां पानी में बह कर चली जाएंगी और चारों तरफ तबाही तबाही खौफनाक नजारे ही नजारे दिखाई देंगे।

बरहाल उत्तराखंड के मैदानी क्षेत्रों में बारिश से अब राहत है लेकिन मौसम विभाग के अलर्ट के बाद अधिकारी अपनी और भी तैयारियों में जुटे हुए दिखाई दे रहे हैं। नदी नाले पानी की निकासी जैसी जगह पर लगातार अधिकारियों के निरीक्षण जारी है। तो वही दुरुस्त करने के बाद भी व्यवस्थाओं को और भी दुरुस्त किया जा रहा है, लोगो से अपील की जा रही है ताकि आसमान से बरसने वाली तबाही से किसी की जिंदगी ना जाए।

रिपोर्ट- निज़ामुद्दीन शेख़

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