देव दीपावली पर 11 टन फूलों से होगी विश्वनाथ धाम की सजावट, लेजर शो के साथ होगी आतिशबाजी

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार महादेव की नगरी काशी में कार्तिक पूर्णिमा पर होने वाले देव दीपावली के पर्व को भव्य रूप में मनाएगा। शासन के द्वारा काशी के चेतसिंह किला और श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के गंगद्वार पर भव्य लेजर शो करवाए जाने की तैयारी है।

वाराणसी। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार महादेव की नगरी काशी में कार्तिक पूर्णिमा पर होने वाले देव दीपावली के पर्व को भव्य रूप में मनाएगा। शासन के द्वारा काशी के चेतसिंह किला और श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के गंगद्वार पर भव्य लेजर शो करवाए जाने की तैयारी है। वही गंगा पार प्रशासन के द्वारा आतिशबाजी करवाया जाएगा। वही श्री काशी विश्वनाथ धाम परिसर को भव्य और दिव्य रूप से सजाए जाने के लिए देश के विभिन्न राज्यों से 11 टन फूलो को मंगवाया गया है।

श्री काशी विश्वनाथ धाम में सुनाई जाएगी गाथा, नौका से पर्यटक देखने लेजर शो

27 नवंबर को देव दीपावली के पर्व पर होने वाले आयोजनों को लेकर बाबा श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्य पालक अधिकारी सुनील वर्मा ने बताया कि लेजर शो के माध्यम से धाम पर आधरित, काशी के महत्व और कॉरिडोर के निर्माण सम्बंधित जानकारी को प्रदर्शित किया जाएगा। वही यह लेजर शो की अवधि 5 मिनट की होगी, जो कई बार प्रसारित किया जाएगा। लेजर शो इस तरह से कराया जा रहा है जिससे नौकायन करने वाले व घाटों पर मौजूद पर्यटक और श्रद्धालु आराम से देख सकें।

गंगा की रेत पर शिव के भजन और धुनों पर होगी ग्रीन आतिशबाजी, 13 मिनट तक गंगा पार 1 किलोमीटर के स्ट्रेच पर ग्रीन एरियल फायर क्रैकर्स शो

पर्यटन विभाग के डिप्टी डायरेक्टर राजेंद्र कुमार रावत ने बताया कि ग्रीन एरियल फायर क्रैकर्स शो की तैयारी तैयारी चल रही है। क्रैकर्स शो लगभग 13 मिनट का होगा। गंगा पार रेत पर लगभग 1 किलोमीटर के स्ट्रेच पर ग्रीन एरियल फायर क्रैकर्स शो होगा। भगवान शिव के ऊपर बने “हर-हर शम्भू”, “शिव तांडव स्त्रोत” आदि भजनों के 9 से 10 ट्रैक पर आतिशबाजी के शो का आयोजन होगा। आतिशबाजी के दौरान आसमान में सतरंगी छटा बिखरी दिखेगी। यही नहीं आकाश में कई तरह के आकर्षक आकार के चित्र भी दिखाई देंगे। इस क्रेकर शो में पटाखे लगभग 60 से 70 मीटर ऊंचाई तक जाते हैं, जो काफी दूर से दिखाई देते हैं। ग्रीन एरियल फायर क्रैकर्स प्रदूषण रहित होते हैं। पटाखों की आवाज 70 डेसीबल से कम होती है।

रिपोर्ट : नीरज कुमार जायसवाल, वाराणसी

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