काशी के कला साधकों को मिला पद्मश्री पुरस्कार, काष्ठ कला और संगीत के क्षेत्र से जुड़े कलाकारों को पुरस्कार

भारत सरकार ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्म पुरस्कारों की घोषणा किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में कला के दो साधकों को पद्म पुरस्कार देने की घोषणा किया गया है। मोदी सरकार में विलुप्त होती काष्ठ कला से लकड़ी का खिलौना बनाने वाले कलाकार गोदावरी सिंह और संगीतज्ञ सुरेंद्र मोहन मिश्रा को कला के क्षेत्र में पद्म पुरस्कार देने की घोषणा किया गया है। काशी के कला साधकों को पद्म पुरस्कार देने की घोषणा से पूरे जनपद में हर्ष का माहौल है।

वाराणसी। भारत सरकार ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्म पुरस्कारों की घोषणा किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में कला के दो साधकों को पद्म पुरस्कार देने की घोषणा किया गया है। मोदी सरकार में विलुप्त होती काष्ठ कला से लकड़ी का खिलौना बनाने वाले कलाकार गोदावरी सिंह और संगीतज्ञ सुरेंद्र मोहन मिश्रा को कला के क्षेत्र में पद्म पुरस्कार देने की घोषणा किया गया है। काशी के कला साधकों को पद्म पुरस्कार देने की घोषणा से पूरे जनपद में हर्ष का माहौल है।

काशी के जीआई काष्ठ कला और संगीत को दुनिया ने माना लोहा, विदेशों में है काशी की कला की ख्याति

सांस्कृतिक राजधानी काशी की कला दुनियाभर में अपनी लोहा मनवा चुकी है। संगीत के क्षेत्र में बनारस घराने से लेकर तमाम बड़े नाम दुनिया में विख्यात है। गणतंत्र दिवस पर संगीत कला के क्षेत्र में सुरेंद्र मोहन मिश्रा का नाम पद्म पुरस्कार में जुड़ने से संगीतकारों में खुशी का माहौल है। पंडित सुरेंद्र मोहन मिश्रा को मरणोपरांत पद्म पुरस्कार दिए जाने की घोषणा हुई है। वाराणसी के रमापुरा के रहने वाले पंडित सुरेंद्र मोहन मिश्रा का निधन विगत 19 नवंबर को हुआ था। पंडित सुरेंद्र मोहन मिश्र को उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी का पुरस्कार भी प्रदान किया गया था। पंडित सुरेंद्र मोहन मिश्रा को जानने वाले बताते हैं कि इन्हें कई बार सम्मानित करने का प्रयास किया गया लेकिन वह सम्मान लेने से इनकार कर देते थे। वही पद्म पुरस्कारों में इनका नाम आने से पंडित सुरेंद्र मोहन मिश्रा की विरासत को आगे बढ़ा रहे परिवार के लोगों में हर्ष का माहौल है।

67 वर्षो से गोदावरी सिंह बना रहे लकड़ी का खिलौना, पद्म पुरस्कार को लेकर जताया पीएम मोदी का आभार

काशी के काष्ठ कलाकर गोदावरी सिंह को 85 वर्ष की आयु में पद्म पुरस्कार दिए जाने की घोषणा किया गया है। वाराणसी के भेलूपुर क्षेत्र के कश्मीरीगंज के रहने वाले गोदावरी सिंह पिछले 67 वर्षो से लकड़ी का खिलौना बनाने का कार्य कर रहे है। इनके दादा और पिता भी इस कला से जुड़े हुए थे और उनके इस कला को उनके बेटे, पोते और बहु आगे बढ़ा रहे है। पद्म पुरस्कार को लेकर गोदावरी सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि जब से नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने है तब से काशी के काष्ठ कला को बड़ा प्लेटफार्म मिला है। काष्ठ कला को देश ही नही बल्कि दुनिया में भी पहचान मिला है।काष्ठ कला के क्षेत्र से जुड़े गोदावरी सिंह को पद्म पुरस्कार दिए जाने पर काष्ठ कला से जुड़े कलाकार बेहद ही उत्साहित है। काष्ठ कला से जुड़े कलाकारों की माने तो सरकार ने उनके विलुप्त होती कला को जहां एक तरफ वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाया, वही अब पद्मपुरस्कार देखर उन्हे गौरवान्वित किया है।

रिपोर्ट : नीरज कुमार जायसवाल, वाराणसी

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