कलयुगी बेटों की करतूत, पिता को मृत दिखाकर हड़प ली करोड़ों की संपत्ति, लाचार बाप का अधिकारियों से गुहार “साहब मैं जिंदा हू” 

पीड़ित हरिश्चंद्र यादव के आंखों से बह रहे आंसू अपने बेटों को कोस रहे थे कि ऐसे बेटे भगवान किसी को न दे। जिन्होंने सम्पत्ति की लालच में अपने पिता को ही मृत घोषित करा दिया।

Deoria News: देवरिया जिले में पिता-पुत्र के रिश्ते को शर्मशार कर देने वाला एक मामला सामने आया है। जहां बेटों ने राजस्व कर्मचारियों के मिलीभगत से अपने पिता को ही सरकारी अभिलेखों में मृत घोषित करा दिया और करोड़ों रुपये की संपत्ति को अपने नाम दर्ज करा लिया। पीड़ित अब अधिकारियों का चक्कर लगा रहा और गुहार लगा रहा है, साहब मैं जिंदा हूं  मेरे बेटो ने मेरी सारी कमाई औेर सम्पत्ति कूट रचित करके अपने नाम कर लिया। अब मुझे इन लोगों से जान का भी खतरा है य़ह कह कर अधिकारियों का चक्कर लगा रहा है।

डीएम ने एडीएम को सौंपी मामले की जांच

वहीं, पीड़ित का आरोप है मैंने  SDM रुद्रपुर से शिकायत की लेकिन मेरी कोई सुनवाई नहीं हुयी। मैं आज थक-हार कर DM के पास आया हूं, जहां DM नें मामले का संज्ञान लेते हुए ADM प्रशासन को जांच सौपी है। वहीं, ADM ने बताया कि रुद्रपुर SDM को इससे अगवत कराया गया इसकी जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी

बताते हुए फफक कर रो पड़ा लाचार पिता

पीड़ित हरिश्चंद्र यादव के आंखों से बह रहे आंसू अपने बेटों को कोस रहे थे कि ऐसे बेटे भगवान किसी को न दे। जिन्होंने सम्पत्ति की लालच में अपने पिता को ही मृत घोषित करा दिया। पीड़ित हरिश्चंद्र ने रोते हुए मीडिया के कैमरे पर कहा कि भगवान किसी को ऐसा औलाद ना दे और ना ही कोई अपने पत्नी के नाम से इतनी संपत्ति खरीदे। मुझे क्या मालूम कि मेरे कलयूगी सन्तान मुझे ही धोखा देगी।

ये है पूरा मामला

गौरतलब है कि पीड़ित हरिश्चंद यादव रुद्रपुर तहसील के अहलादपुर मरकड़ी गांव के रहने वाला है। इनके तीन बेटे विजय यादव,मनोज यादव और अमित यादव है। जिसमें अमित की पहले ही मौत हो चुकी है। पीड़ित हरिश्चंद्र ने मेहनत कर कई एकड़ जमीन अपनी पत्नी पानमती देवी के नाम से खरीदी और एक इंटर कालेज भी बनवाया। वह खुद स्कूल के प्रबन्धक भी थे। कुछ दिन बाद बेटे को प्रबन्धक बना दिया। जून, 2023 में पीड़ित की पत्नी पानमती देवी का देहांत हो गया। इसके बाद इनके दोनों बेटों मनोज यादव व विजय यादव ने षड्यंत्र के तहत राजस्व विभाग से मिलकर अभिलेखों में हेरा-फेरी करके सारी जमीन अपने नाम के खतौनी में वरासत दर्ज करा लिया। यही नही खतौनी में इनका नाम काटकर खारिज दाखिल करा लिया। जिसमें स्वर्गीय हरिश्चंद्र यादव नाम दर्ज हो गया है और सारी सम्पत्ति इनके बेटों के नाम से दर्ज हो गयी। जब इस षड्यंत्र के बारे में पिता को पता चला तो इनके पैरों तले जमीन खिसक गयी।

बेटे करा सकते हैं हत्या

उनका कहना है, कि बेटे कभी भी उनकी हत्या करा सकते है। उनका एक इंटर कालेज है। जिसमे इन्होंने बेटे को प्रबन्धक बना दिया था। अब वहां जाने पर उन्हें पुलिस के हवाले करने की धमकी दे रहे है।

कानूनी तौर पर पत्नी की मृत्यु के बाद समान रुप से पति व संतान के नाम से वरासत दर्ज होना चहिए। जबकि हरिश्चंद्र यादव के मामले में इनको मृत दिखाकर बेटों ने अपने नाम सम्पत्ति को वरासत करा लिया है। अब इन्हें डर है कि पैतृक संपत्ति को भी इनके बेटे न हड़प लें।

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