Article 370: अनुच्छेद 370 पर सुप्रीम कोर्ट ने बहुत बड़ा बयान दिया है. दरअसल, 370 को निरस्त करने की आलोचना करने वाले वाट्सएप स्टेटस के आधार पर एक प्रोफेसर के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी.इस मामले में फंसे प्रोफेसर को राहत दी गई है. एफआईआर को रद्द करते हुए कहा कि प्रत्येक नागरिक को सरकार के किसी भी फैसले की आलोचना करने का अधिकार है.
इस पूरे मामले में कोर्ट का साफ तौर पर कहना है कि किसी को भी कानून के दायरे में रहकर सरकार की आलोचना करने का अधिकार है.शीर्ष कोर्ट ने ये भी कहा है कि पाकिस्तान के लोगों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं देना एक सद्भावना संकेत है और इसे विभिन्न धार्मिक समूहों के बीच वैमनस्य या शत्रुता, घृणा या दुर्भावना की भावना पैदा करने वाला नहीं कहा जा सकता है. प्रत्येक नागरिक को दूसरे देशों के नागरिकों को उनके स्वतंत्रता दिवस पर शुभकामनाएं देने का अधिकार है.
क्या था मामला…
प्रोफेसर जावेद अहमद हजाम के खिलाफ कोल्हापुर के हटकनंगले पुलिस स्टेशन में आइपीसी की धारा 153 ए के तहत मामला दर्ज किया गया था.वाट्सएप पर हजाम ने लिखा था कि पांच अगस्त-काला दिवस जम्मू-कश्मीर, 14 अगस्त- हैप्पी इंडिपेंडेंस डे पाकिस्तान.इसी को लेकर उनके खिलाफ याचिका दाखिल की गई थी.