सुप्रीम कोर्ट ने SC-ST कर्मचारियों की पदोन्नति में आरक्षण मामले पर अहम फैसला लेते हुए कहा, बिना आंकड़े प्रमोशन में आरक्षण नहीं दिया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण की शर्तों को कम करने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, राज्य सरकारों को आंकड़ों से साबित करना होगा कि SC- ST का प्रतिनिधित्व कम है। समीक्षा अवधि केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित होनी चाहिए।
बता दें सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में 26 अक्टूबर 2021 को फैसला सुरक्षित रखा था। इस मामले पर सुनवाई करते हुए दलील दी गई थी कि देश की आजादी के 75 साल बाद भी एससी-एसटी समुदाय के लोगों को अगड़े वर्गों के समान मेधा के स्तर पर नहीं लाया गया है।
आपको बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार से पूछा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के कर्मचारियों के लिए पदोन्नति में आरक्षण देने के लिए साल 2006 में आये संविधान पीठ के फैसले के बाद सरकार प्रतिनिधित्व की पर्याप्तता का पता लगाने के लिए क्या कदम उठाए हैं। फैसला सुरक्षित रखते हुए कोर्ट ने कहा था कि अदालत सिर्फ इस मुद्दे पर फैसला करेगा कि आरक्षण अनुपात पर्याप्त प्रतिनिधित्व के आधार पर होना चाहिए या नही।
गौरतलब हो, इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह SC और ST को पदोन्नति में आरक्षण देने के अपने फैसले को फिर से नहीं खोलेगा क्योंकि यह राज्यों को तय करना है कि वे इसे कैसे लागू करते हैं।