लंदन से की पढ़ाई…सालों से राजनीति में सक्रिए, अब सपा ने लगाया इकरा हसन पर बड़ा दांव

सपा पार्टी ने कैराना लोकसभा सीट से हसन परिवार की इकरा हसन को प्रत्याशी बनाते हुए बड़ा दांव खेल दिया.

डिजिटल स्टोरी- लंदन से की पढ़ाई….राजनीति मिली विरासत में,अब समाजवादी पार्टी ने कैराना लोकसभा सीट से मैदान में उतार दिया है.आप अब समझ गए होंगे कि हम किसकी बात कर रह हैं. जी हां इक़रा हसन….ये जीतनी खूबसूरत हैं..राजनीति में भी उनकी उतही ही साफ-सुथरी छवी हैं.समाजवादी उम्मीदवार इकरा हसन कैराना लोकसभा सीट से चुनावीं हुकार भरते हुए दिखाई देंगी.

बता दें कि समाजवादी पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिए तीसरी सूची जारी की. सपा ने उत्तर प्रदेश की पांच और सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है.इसमें पार्टी ने कैराना लोकसभा सीट से हसन परिवार की इकरा हसन को प्रत्याशी बनाते हुए बड़ा दांव खेल दिया.इकरा हसन पूर्व सांसद मुनव्वर हसन की बेटी और कैराना सीट से सांसद रहे नाहिद हसन की बहन है. इकरा के लिए राजनीति कोई नई बात नहीं है.इकरा हसन पिछले नौ सालों से कैराना क्षेत्र की राजनीति में सक्रिय हैं. साल 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान जब उनके बड़े भाई नाहिद हसन जेल में थे, उस दौरान बहन इकरा की मेहनत रंग लाई थी.उनकी वजह से ही नाहिद चुनाव जीत पाए थे. इकरा हसन ने लंदन की यूनिवर्सिटी से कानून की शिक्षा हासिल की है.

बता दें कि उनके दादा अख्तर हसन 1984 में कैराना लोकसभा सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी के रूप में विजयी रहे थे. उनके पिता लोकसभा, राज्यसभा, विधानसभा और विधान परिषद यानी चारो सदनों के सदस्य रह चुके. इसके लिए उनका नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज किया गया था.इसके अलावा इकरा हसन की मां तबस्सुम हसन एक बार बसपा और सपा रालोद गठबंधन से कैराना लोकसभा की सांसद रह चुकी. सपा से इकरा हसन के कैराना लोकसभा सीट से प्रत्याशी घोषित किए जाने के बाद उनके समर्थकों में खुशी की लहर है.

बता दें कि कैराना लोकसभा सीट पश्चिमी यूपी की हॉट सीट मानी जाती है.यहां जातीय समीकरण की बात की जाए तो यहां 18 लाख के करीब मतदाता है, जिनमें करीब साढ़े पांच लाख मतदाता मुस्लिम हैं.बाकी दूसरे धर्म के मतदाता है. मिशन 24 में कैराना सीट पर अभी मेन मुकाबला सपा,बीजेपी और बसपा के बीच है.

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