यूपी के इस वैज्ञानिक ने नामुमकिन को किया मुमकिन, विकसित की सबसे तेज लेजर इमेज टेक्नोलॉजी, जानें कैसा था NASA तक का सफर ?

साइंटिस्ट योगेश्वर मिश्रा ने एनवायरमेंट को लेकर भी जानकारी दी.ईंधन का सही तरीके से इस्तेमाल करने के बारें में बताया.

डिजिटल डेस्क- एपीजे अब्दुल कलाम मेरे हीरो हैं…वो मिसाइल मैन थे.मैनें हमेशा उन्हें ही देखा है और कल्पना चावला ने मुझे NASA जाने की प्रेरणा दी.मैं इन सभी लोगों को बचपन से देखते हुए आया हूं.मैं अपने इन सभी रोल मॉडल की तरह बनना चाहता हूं और देश का नाम रौशन करना चाहता हूं. जी हां ये बातें साइंटिस्ट योगेश्वर मिश्रा ने भारत समाचार से बातचीत के दौरान कहीं. जिन्होंने अपने नासा जाने के सपने को साकार कर दिया है. हालांकि उनका ये सपना इतना आसान नहीं था. वो कहते है ना… नामुमकिन को मुमकिन करने वाले को सिकंदर कहते है. ठीक उसी तरीके से साइंटिस्ट योगेश्वर मिश्रा ने फतेह हासिल कर ली है.

साइंटिस्ट योगेश्वर मिश्रा ने नासा में कमाल का काम किया है. उन्होंने अपनी टीम के साथ मिलकर वर्ल्ड के फास्टेस्ट लेजर शीट इमेंजिग टेक्नोलॉजी को डेवलप किया है. कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और जर्मनी और स्वीडन की टीम के साथ कोलैबोरेट करते हुए काम किया है. साइंटिस्ट ने बताया कि उन्होंने इस खास टेक्नोलॉजी को क्यों डेवलप किया है.

साइंटिस्ट योगेश्वर मिश्रा ने एनवायरमेंट को लेकर भी जानकारी दी.ईंधन का सही तरीके से इस्तेमाल करने के बारें में बताया. और कहा कि इलेक्ट्रॉनिक गाड़ियों पर भी काम किया जा रहा है.आगे उन्होंने ये भी कहा कि हमें ऐसे इंजन बनाने होंगे, जिससे की कार्बन कम से कम मात्रा में निकले. और भी बहुत सारे टॉपिक पर वो, उनकी टीम कर रही है. कोशिश है कि कार्बन फ्री सोसाइटी बनाएं.

नासा की तरफ से कृत्रिम सूरज बनाने वाली बात पर योगेश्वर मिश्रा ने जानकारी देते हुए कहा कि अगर हम न्यूक्लियर फ्यूजन को स्टडी कर लेते हैं तो शायद हम ऐसे एनर्जी सोर्स को तैयार कर सकते है. जहां पर हमें कार्बन की जरुरत नहीं होगी.

साइंटिस्ट योगेश्वर मिश्रा ने कहा कि नासा का मेन उद्देश्य ही यहीं है कि ओरिजन ऑफ लाइफ को देखना. ह्यूमैनिटी को हम किस तरीके से बचा सकते है.

अब साइंटिस्ट योगेश्वर मिश्रा ने नासा में काम करके भारत देश के नाम को बुलंदियों पर पहुंचाने का काम किया है. साइंटिस्ट योगेश्वर अब अपनी डेवलप की हुई टेक्नोलॉजी को देश में भी लाना चाहते है.

साइंटिस्ट योगेश्वर मिश्रा ने 2019 में आईआईटी इंदौर में काम किया. योगेश्वर मिश्रा ने कहा कि एडवांस टेक्नोलॉजी को भारत में लाना ही उनका लक्ष्य है.

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