छठी मैया की पूजा-अर्चना से हो जाएगा मनोकामना पूर्ण- जानिए कैसे मनाएं महापर्व छठ ?

बिहार से निकला छठ महापर्व आज दुनियाभर में मनाया जा रहा है. बिहार में महापर्व छठ की तैयारियां दिवाली के बाद से ही शुरु हो जाती है. महापर्व छठ बिहार, उत्तर प्रदेश मे सबसे ज्यादा मशहूर है. महापर्व छठ की तैयारी कल से यानी 17 नवंबर से शुरु हो चुकी है. कल यानी 19 नवंबर को छठ घाट पर डूबते सूरज देवता को अर्घ्य दिया जाएगा. और उसके अगले दिन 20 नवंबर की सुबह उगते सूर्य देव को अर्घ्य देकर व्रती महिलाएं अपने पूजा का पारण करेंगी.

Happy Chhath Puja 2023 : बिहार से निकला छठ महापर्व आज दुनियाभर में मनाया जा रहा है. बिहार में महापर्व छठ की तैयारियां दिवाली के बाद से ही शुरु हो जाती है. महापर्व छठ बिहार, उत्तर प्रदेश मे सबसे ज्यादा मशहूर है. महापर्व छठ की तैयारी कल से यानी 17 नवंबर से शुरु हो चुकी है. कल यानी 19 नवंबर को छठ घाट पर डूबते सूरज देवता को अर्घ्य दिया जाएगा. और उसके अगले दिन 20 नवंबर की सुबह उगते सूर्य देव को अर्घ्य देकर व्रती महिलाएं अपने पूजा का पारण करेंगी.

ऐसे में छठ की छठा देखते ही सुबह उगते सूर्य देव को अर्घ्य देना होता है. हिंदू धर्म में महापर्व छठ को बेहद पवित्र और शुभ माना जाता है. छठ पूजा में छठी मैया और सूर्य भगवान की पूजा-अर्चना और उपासना की जाती है. इस छठ महापर्व मे कई तरह की प्रसाद बनाई जाती है. महापर्व छठ का त्योहार चार दिनों तक चलता है. खरना के बाद मताएं 36 घंटे का निर्जला व्रत रखती है. इस छठ पूजा के शुभ अवसर पर शुभकामना संदेश भी भेज सकते है.

इस दिन ठेकुआ लाओ, चावल के लड्डू बहुत बेहतरीन तरीके से बनाया जाता है. और छठ घाट पर ले जाने के लिए सीता फल नींबू, गन्ना और कद्दू, से लेकर लगभग हर फलों और सब्जीयों को ले जाने के लिए रखा जाता है. दरअसल दिवाली के बाद बिहार, उत्तर प्रदेश में गांव से लेकर शहर तक छठ घाट पर साफ-सफाई करना शुरु हो जाता है. और छठी माता को रंगाई-पोताई कर सुंदर और सुशोभीत बनाया जाता है. घाट को एकदम पवित्र रखा जाता है. छठ पूजा के दिन घाट पर छोटे-बड़े सभी लोग दिवाली की तरह ही पटाखे फोड़ते है और खुशी मनाते है.

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