बिहार में जातिगत जनगणना को लेकर सुभासपा अध्यक्ष ओपी राजभर का बयान सामने आया है। ओपी राजभर ने बिहार में हुई जनगणना पर बड़ा आरोप लगाया है। ओपी राजभर ने कहा कि आंकड़ों में अनियमितता की गई, अति पिछड़ी जातियों के साथ अन्याय हुआ है, 36% वालों के लिए नीतीश ने क्या किया, जातिगत जनगणना करने गांव में कोई नहीं गया।
ओपी राजभर ने कहा कि मैंने पूरा आंकड़ा देखा तो छत्तीस परसेंट अति पिछड़ी जातियों का आंकड़ा आया है। सामाजिक न्याय की दुहाई देने वाले यानी लालू नीतीश दोनों लोगों ने छत्तीस परसेंट के साथ भेदभाव किया। छत्तीस परसेंट आबादी में से किसी जाति को इन लोगों ने सामाजिक न्याय के दायरे में लाकर के मुख्यमंत्री की कुर्सी तक नहीं पहुंचाया। आठ-आठ बार नीतीश हुए, लालू हुए, उनकी पत्नी हुई सामाजिक न्याय नहीं होता है।
ओपी राजभर ने कहा कि मैं बिहार के छब्बीस जिले में मैं घुमा हूँ, बड़ी संख्या में रजवार, राजवंशी, राजधोग, राजभर के बीच में मैं जाता हूँ, पंद्रह-पंद्रह हजार, दस-दस हजार, बारह-बारह हजार लोग इकट्ठा होते हैं, अलग-अलग जिलों में और आंकड़ा परसेंटेज में भी नहीं आया है। तो ये प्रश्नचिन्ह तो है कि जो जातियां राजनीत में है उनकी तो गिनती ठीक ठाक से हो गई जो जातियां राजनीत में नहीं है उनको एक जगह पूछ करके लोगों को लिख दिया गया है। तो इस पे तो सवाल हमारा है कि बिहार में जो जाति जनगणना है उसमें रजवार, राजवंशी, राजदोग, भंवर राजभर के साथ अन्याय हुआ है, उसकी सही गिनती नहीं है।
जातिगत जनगणना के आंकड़ों में अनियमितता की गयी है.अति पिछड़ी जातियों के साथ अन्याय इस जनगणना में साफ है.इनके लिये नीतीश जी ने क्या किया जो 36 प्रतिशत हैं.जातिगत जनगणना करने गांव में कोई गया ही नहीं। राजभर समेत कई जातियां हर विधानसभा में 1 लाख से ज्यादा हैं. पर सरकारी आंकड़े आधा… pic.twitter.com/0wzICe4opG
— भारत समाचार | Bharat Samachar (@bstvlive) October 3, 2023
पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग राज्य बनाया जाने के सवाल पर उन्होने कह हम भी तो पूर्वांचल की बात लंबे समय से करते हैं, प्रदेश बड़ा है, प्रदेश को चार भाग में बांटने की कवायत मांग बराबर उठती गई है। बुंदेलखंड बनने की अलग आवाज उठती रही हर एक प्रदेश बनने की अलग मांग उठती रही पूर्वांचल की अलग मांग उठती रही लंबे समय से प्रदेश बड़ा प्रदेश हो गया चार भागों में बांटने की बराबर आवाज उठती उसी में संजय बलियान जी ने भी अपनी आवाज बुलंद की।