आर्थिक सलाहकार परिषद के चेयरमैन के लेख भड़की बसपा प्रमुख मायावती, बोली, केन्द्र सरकार करे कार्रवाई

सपा प्रमुख आर्थिक सलाहकार परिषद के चेयरमैन बिबेक देबरॉय द्वारा लिखे एक लेख को लेकर काफी नाराज दिख रही है.आपको बता दे की 15 अगस्त को देबरॉय ने आर्थिक अख़बार मिंट में " देयर इज़ ए केस फॉर वी द पीपल टू इंब्रेस अ न्यू कॉस्टिट्यूशन " शीर्षक वाला लेख लिखा था. इस लेख में उन्होंने नए संविधान की बात कही थी.

लखनऊ : बसपा प्रमुख मायावती इन दिनों चुनावी तैयारियों को लेकर काफी व्यस्त है. और वह समय समय पर अपने कार्यकर्ताओं संग बैठक कर चुनावी रणनीति को धार दे रही है. वही बसपा प्रमुख आर्थिक सलाहकार परिषद के चेयरमैन बिबेक देबरॉय द्वारा लिखे एक लेख को लेकर काफी नाराज दिख रही है.आपको बता दे की 15 अगस्त को देबरॉय ने आर्थिक अख़बार मिंट में ” देयर इज़ ए केस फॉर वी द पीपल टू इंब्रेस अ न्यू कॉस्टिट्यूशन ” शीर्षक वाला लेख लिखा था. इस लेख में उन्होंने नए संविधान की बात कही थी.

बसपा प्रमुख मायावती ने इसको लेकर एक ट्वीट किया है.उन्होंने ट्वीट में लिखा, ”आर्थिक सलाहकार परिषद के चेयरमैन बिबेक देबरॉय द्वारा अपने लेख में देश में नए संविधान की वकालत करना उनके अधिकार क्षेत्र का खुला उल्लंघन है जिसका केन्द्र सरकार को तुरन्त संज्ञान लेकर जरूर कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि आगे कोई ऐसी अनर्गल बात करने का दुस्साहस न कर सके. देश का संविधान इसकी 140 करोड़ गरीब, पिछड़ी व उपेक्षित जनता के लिए मानवतावादी एवं समतामूलक होने की गारण्टी है, जो स्वार्थी, संकीर्ण, जातिवादी तत्वों को पसंद नहीं और वे इसको जनविरोधी व धन्नासेठ-समर्थक के रूप में बदलने की बात करते हैं, जिसका विरोध करना सबकी जिम्मेदारी।”

बसपा प्रमुख के विरोध के बाद अब देखना होगा की केंद्र सर्कार इस मामले पर क्या कोई कार्रवाई करती है या नहीं। वहीं मायावती ने इस पर कड़ा रुख अपनाया है।

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