सीएम योगी ने शहीदों को दी श्रद्धांजलि, कहा शहीद के नाम पर होगा एक सड़क का नामकरण

कार्यक्रम में सीएम योगी ने शहीदों को श्रद्धांजलि देने के बाद शहीदों के परिजनों से मुलाकात की। साथ ही उनके साथ हर परिस्थिति में खड़े रहने की...

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कारगिल शहीद स्मृति वाटिका में आयोजित कारगिल विजय दिवस कार्यक्रम में पहुंचे । सीएम योगी ने कारगिल युद्ध में अपनी जान गंवाने वाले जवानों को श्रद्धांजलि दी।

कार्यक्रम में सीएम योगी ने शहीदों को श्रद्धांजलि देने के बाद शहीदों के परिजनों से मुलाकात की। साथ ही उनके साथ हर परिस्थिति में खड़े रहने की बात कही। सीएम योगी ने कहा हर नागरिक को सुरक्षा की गारंटी है। देश के विकास के लिए सरकार लगातार काम कर रही हैं।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान, इससे पूर्व के सभी युद्धों में और इसके उपरांत भी देश की सीमाओं की रक्षा करने वाले भारत माता के वीर सपूतों को मैं विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं । नए भारत में हर नागरिक को सुरक्षा की गारंटी है। इस नए भारत में आतंकवाद के लिए, नक्सलवाद के लिए किसी भी तरह की कोई जगह नहीं है।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कारगिल युद्ध का विषम परिस्थितियों में लड़ा गया था। जिसमें हमारे सैनिकों ने आतंकियों को खदेड़ा था। हम आज नए भारत का निर्माण कर रहे हैं। जिसके लिए काम जारी है। हमारी सरकार में शहीदों के परिवार को 50-50 लाख दिए गए हैं। वहीं परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी। शहीद के नाम पर एक सड़क का नामकरण किया जायेगा।

वहीं लद्दाख में कारगिल विजय दिवस के इस मौके पर चार MIG-29 विमानों ने द्रास में कारगिल युद्ध स्मारक के ऊपर से उड़ान भरी हैं। 1999 के कारगिल युद्ध में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी जा रही है। भारतीय सेना के जवानों के बलिदान को याद करते हुए 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन, देश 1999 में कारगिल, लद्दाख में 60 से अधिक दिनों तक चली लड़ाई के बाद पाकिस्तानी सैनिकों पर सेना को मिली जीत का जश्न मनाता है।

बतादें कि आज के दिन देश के लिए अपनी जान कुर्बान करने वाले तमाम जांबाजों के बीच कैप्टन विक्रम बत्रा का नाम हर किसी के जेहन में आता है। कैप्टन बत्रा ने पूरी लड़ाई में भारत के लिए बहादुरी से लड़ते हुए अपनी जान दे दी। उस समय वह केवल 24 वर्ष के थे और उन्हें मरणोपरांत सर्वोच्च युद्धक्षेत्र वीरता सम्मान, परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था।

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