यूपी में दूसरे चरण का चुनाव प्रचार आज से खत्म, धारावाहिक के राम और हेमा मालिनी मैदान में…

यूपी में लोकसभा के दूसरे चरण में आठ सीटों पर मतदान 26 अप्रैल को होना है। जिनपर चुनाव प्रचार आज शाम 5 बजे से थम जाएगा।आज शाम पांच बजे के बाद से तीसरे चरण में शामिल सीटों पर चुनाव प्रचार और रैलियों पर प्रतिबंध रहेगा। विपक्ष की बात करें तो कांग्रेस इस चरण में आठ  सींटों पर अपने उम्मीदवार उतार रही है, जबकि 4  सीटों पर सपा ने अपने उम्मीदवार  उतारे हैं। बता दें कि दूसरे चरण में  यूपी के अलीगढ़, अमरोहा, बुलंदशहर, गाजियाबाद, मथुरा, मेरठ, गौतमबुद्ध नगर और बागपत लोकसभा सीटें शामिल है। इन सभी सीटों पर कुल 91 उम्मीदवार मैदान में होंगे। इन सीटों पर चुनावी समीकरण की बात करें तो वो भी काफी दिलचस्प हैं जिनके बारे में हम आगे समझेंगे।

मेरठ

मेरठ लोकसभा सीट कि बात करें तो इस सीट पर बीजेपी बनाम बसपा कि लड़ाई हैं।  जहाँ बीजेपी से अरुण गोविल चुनावी मैदान में हैं जो कि प्रसिद्ध धारावाहिक रामायण में श्री राम का किरदार निभा चुके हैं। वहीं सपा से यहाँ सुनीता वर्मा को प्रत्याशी बनाया गया है और बसपा से देवदत्त त्यागी मैदान में हैं।

अमरोहा

 अमरोहा लोकसभा सीट पर बीजेपी से कंवर सिंह तंवर, कांग्रेस से कुंवर दानिश अली और बसपा से मुजाहिद हुसैन के बीच मुकाबला होना है।  राजनितिक विशेलषको का कहना है की बसपा से यहॉ मुस्लिम कैंडिडेट उतार कर कांग्रेस का गणित बिगाड़ दिया है।

गाजियाबाद

गाजियाबाद सीट पर इस बार त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है। यहाँ बीजेपी से दो बार सांसद रहे वीके सिंह का टिकट काट कर अतुल गर्ग को टिकट दिया गया है। वहीं कांग्रेस ने यहाँ डॉली शर्मा को टिकट दिया है और बसपा से नंद किशोर पुंडीर मैदान में हैं।  फिलहाल तीनो ही प्रत्याशियों कि कांटे की टक्क्र देखने को मिल रही है।

गौतमबुद्ध नगर

यहाँ से बीजेपी ने एक बार फिर पुराने चेहरे पर ही दांव लगाया है। यहाँ से पार्टी ने डॉ महेश शर्मा को मैदान में उतारा है।  सपा से महेंद्र नागर तो बसपा से राजेंद्र सोलंकी मैदान में हैं।  इस सीट पर भी लड़ाई काफी दिलचस्प होने वाली है क्योकि सपा ने यहाँ से गुर्जर, मुस्लिम और यादव सममीकरण साधने की भरपूर कोशिश कि है।  वहीं नोएडा सीट पर ठाकुर मतदाता बीजेपी के परम्परागत वोटर माने जाते है जिससे बीजेपी का पक्ष भी यहाँ पर काफी मजबूत है जो बसपा के लिए मुसीबत साबित हो सकता है।

बुलंदशहर

यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है, इस सीट से भी बीजेपी ने पुराने प्रत्याशी भोला सिंह को मैदान में उतारा है। कांग्रेस ने शिवराम वाल्मीकि और बसपा ने गिरीश चंद्र पर दांव लगाया है।

अलीगढ़

बसपा ने इस सीट से मुस्लिम कैंडिडेट गुफरान नूर का टिकट काट कर बीजेपी के लिए कुछ मुश्किल पैदा कर दी है क्योकि पार्टी ने यहाँ पर बीजेपी से ही आए हितेंद्र कुमार को टिकट दिया है। वहीं सपा ने बिजेंद्र सिंह को मैदान में उतरा है। इस सीट पर मुस्लिम वोटरों की निर्णायक भूमिका होने के बावजूद भी यहाँ से मुस्लिम कैंडिडेट किसी भी पार्टी ने नहीं उतरा है। जिसकी वजह से  दिलचस्प होने वाला है।

मथुरा

यह लोकसभा सीट काफी हाई प्रोफाइल सीट मानी जाती है क्योकि यहाँ से लगातार दो बार फिल्म अभिनेत्री हेमा मालिनी चुनाव जीत रहीं हैं। वहीं इस बार फिर से हेमा मालिनी ही बीजेपी से चुनावी मैदान में हैं। कांग्रेस ने यहाँ से मुकेश  धनगर को टिकट दिया है और बसपा ने यहाँ से सुरेश सिंह को प्रत्याशी बनाया है। माना जा रहा है कि मथुरा सीट पर बसपा अगर जाट-दलित वोटों को जोड़ने में कामयाब रही तो बीजेपी के लिए चिंता पकड़ बन सकती है।

बागपत

चौधरी चरण सिंह के परिवार का गढ़ रही इस सीट पर 47 वर्षों बाद इस बार इसपर परिवार का कोई भी चुनाव नहीं लड़ रहा है।भाजपा ने जाट, सपा ने ब्राह्मण और बसपा ने गुर्जर प्रत्याशी को यहाँ मैदान में उतारा है। पिछले दो चुनावों में यहां आमने-सामने रहीं भाजपा और रालोद के हाथ मिलाने से एनडीए समर्थक यहां हैंडपंप को मजबूत मान रहे हैं।  सपा ने पहले पूर्व जिलाध्यक्ष मनोज चौधरी को और आखिरी दौर में साहिबाबाद के पूर्व विधायक अमरपाल शर्मा को उतार दिया। बसपा ने दिल्ली हाई कोर्ट के अधिवक्ता प्रवीण बंसल पर दांव लगाया है।

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