भागवताचार्य पंडित घनश्याम शास्त्री ने बताया श्रावण मास का अध्यात्मिक महत्व, मंत्रोच्चार के बीच हुआ शिवलिंग का अभिषेक

श्रावण मास में पार्थिव शिवलिंग का निर्माण विधि पूर्वक मंत्रउच्चार अभिषेक और विसर्जन के बारे में प्रेस वार्ता के माध्यम से जानकारी देते हुए सुप्रसिद्ध भागवत आचार्य पंडित घनश्याम शास्त्री महाराज ने बताया कि रोशनी घर स्थित ऊर्जा सरकार मंदिर पर जयेंद्रगंज में यह पार्थिव शिवलिंग का आयोजन 2 माह तक किया जाएगा.

ग्वालियर. श्रावण मास में भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना का विशेष महत्व है. जहा श्रावण मास के मध्य से अधिक मास है उसी कारण इस बार श्रावण मास दो माह का पड़ रहा है. श्रावण मास में पार्थिव शिवलिंग का निर्माण विधि पूर्वक मंत्रउच्चार अभिषेक और विसर्जन के बारे में प्रेस वार्ता के माध्यम से जानकारी देते हुए सुप्रसिद्ध भागवत आचार्य पंडित घनश्याम शास्त्री महाराज ने बताया कि रोशनी घर स्थित ऊर्जा सरकार मंदिर पर जयेंद्रगंज में यह पार्थिव शिवलिंग का आयोजन 2 माह तक किया जाएगा.

जोकि 4 जुलाई से प्रारंभ हो चुका है और 31 अगस्त तक चलेगा. प्रारंभ में सभी माता बहने मिलकर के शिवलिंग का निर्माण करती हैं मिट्टी के शिवलिंग को बनाती हैं उसके वैदिक मंत्रों के द्वारा पूजन किया जाता है अंत में आरती करने के बाद उनका विसर्जन किया जाता है. इस दो मास के श्रावण उत्सव में पार्थिव शिवलिंग का लक्ष्य लगभग सवा लाख शिव लिंग का रखा गया है लेकिन माता बहनों की बढ़ती हुई संख्या को देखते हुए यह लक्ष्य लगभग सवा पांच लाख तक पहुंचेगा.

यह आयोजन महादेव की कृपा से हो रहा है जिस के सूत्रधार केवल और केवल महादेव है इसमें आम लोग भी शामिल हो सकते हैं जो कि पूर्णता निशुल्क रखा गया है देवों के देव महादेव श्री शिव को कल्याणकारी देवता के रूप में सर्वत्र पूजा जाता है. श्रावण माह में शिवलिंग की पूजा-अभिषेक अनेक मनोरथों को पूर्ण करने वाली है. ये समस्त जगत लिंगमय है, सब कुछ लिंग में प्रतिष्ठित है,अतः जो आत्मसिद्धि चाहता है उसे शिवलिंग की विधिवत पूजा करनी चाहिए.

सभी देवता, दैत्य, सिद्धगण, पितर, मुनि, किन्नर आदि लिंगमूर्ति का अर्चन करके सिद्धि को प्राप्त हुए हैं. सनातन परंपरा में अलग-अलग प्रकार के शिवलिंग की पूजा के अलग-अलग फल बताए गए हैं जो पार्थिव शिवलिंग बनाकर विधिवत पूजन अर्चना करता है, वह दस हजार कल्प तक स्वर्ग में निवास करता है. शिवपुराण में लिखा है कि पार्थिव पूजन सभी दुःखों को दूर करके सभी मनोकामनाएं पूर्ण करता है. और अंचल में अच्छी बरसात होती है अनेक प्रकार के रोग विदा हो जाते हैं हर प्रकार की मनोकामना को पूर्ण करने वाला यह पार्थिव शिवलिंग अभिषेक है जो हम सभी को करना चाहिए.

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