प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में पीपीपी मॉडल पर खुलेंगी फार्मेसी, डिप्टी सीएम ने जल्द प्रक्रिया पूरी करने के दिए निर्देश

मेडिकल कॉलेजों में रोगियों को सस्ती व गुणवत्तापरक दवाएं मिलेंगी। इसके लिए छह सरकारी मेडिकल कॉलेजों में पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनशिप) मॉडल पर फार्मेसी खोली जायेंगी।

मेडिकल कॉलेजों में रोगियों को सस्ती व गुणवत्तापरक दवाएं मिलेंगी। इसके लिए छह सरकारी मेडिकल कॉलेजों में पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनशिप) मॉडल पर फार्मेसी खोली जायेंगी। इन-हाउस फार्मेसी में ओपीडी व भर्ती रोगियों को दवाएं और सर्जिकल सामान मिल सकेगा। इस संबंध में कंपनियों से आवेदन मांगे गये हैं। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने जल्द से जल्द से प्रक्रिया को पूरी करने के निर्देश दिये हैं।

प्रदेश के हर जिले में राजकीय मेडिकल कॉलेज खोलने की योजना चल रही है। मौजूदा समय में सरकारी क्षेत्र में 35 मेडिकल कॉलेजों का संचालन हो रहा है। 30 प्राइवेट क्षेत्र में मेडिकल कॉलेज खुलें हैं। जल्द ही बाकी जिलों में सरकारी मेडिकल कॉलेज खोलने की प्रक्रिया चल रही है ताकि अधिक से अधिक डॉक्टर तैयार किये जा सकें।

गरीब रोगियों को उनके जिले में ही बेहतर उपचार उपलब्ध कराया जा सके। मरीजों को दवा व सर्जिकल सामान हासिल करने में आने वाली अड़चनों को दूर करने की दिशा में अहम कदम उठाया गया है। छह मेडिकल कॉलेजों में पीएमएसएसवाई (प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना) के तहत इन-हाउस फार्मेसी शुरू करने की योजना है।

उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने बताया कि चिकित्सा शिक्षा विभाग ने कानपुर, गोरखपुर, मेरठ, आगरा, प्रयागराज व झांसी मेडिकल कॉलेज में इन-हाउस फार्मेसी खोलने की प्रक्रिया शुरू की है। इस संबंध में टेंडर आमंत्रित किये गये हैं। अधिक से अधिक रोगियों को किफायती दर व गुणवत्तापरक दवाएं मुहैया कराना हमारा लक्ष्य है। इस लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में लगातार कदम उठाये जा रहे हैं। 15 दिन में टेंडर प्रक्रिया पूरी होगी।

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