Gyanvapi Controversy: वाराणसी जिला न्यायालय में मंगलवार को ज्ञानवापी परिसर में स्थित “व्यास जी का तहखाना” की चाभी डीएम दिए जाने से संबंधित मामले की सुनवाई होगी। यह सुनवाई 20 नवंबर को की जानी थी, लेकिन कचहरी परिसर में शोक घोषित होने के कारण नहीं हो सकी। डिस्ट्रिक्ट जज ने मामले की सुनवाई के लिए 21 नवंबर की तारीख तय की है। हिन्दू पक्ष के वकील मदन मोहन यादव के अनुसार सोमवार को कचहरी में शोक की वजह से मामले में सुनवाई नहीं हो सकी थी। डिस्ट्रिक्ट जज ने मामले की सुनवाई के लिए 21 नवंबर की तारीख नियत की है।
मदन मोहन यादव ने बताया कि ज्ञानवापी परिसर में स्थित व्यास जी के तहखाने की चाभी जिलाधिकारी को सौंपने से संबंधित मामले की सुनवाई आठ नवंबर को हुई थी। कोर्ट ने सुनवाई पूरी होने के बाद आदेश को 18 नवंबर के लिए सुरक्षित रख लिया था। लेकिन इसी दौरान अधिवक्ता विजय शंकर रस्तोगी ने जिला न्यायाधीश ए के विश्वेश के समक्ष खुद को मामले में पक्षकार बनाए जाने की अपील की। कोर्ट ने उन्हें अपना पक्ष रखने की इजाजत दे दिया। कोर्ट ने वक्त का हवाला देते हुए विजय शंकर से जल्दी अपनी बात खत्म करने के लिए कहा, इसपर रस्तोगी ने कहा कि उन्हें अपना पक्ष रखने के लिए और समय चाहिए। जिस पर कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए 20 नवंबर तय किया था।
तहखाने में छेड़छाड़ की आशंका
अधिवक्ता मदन मोहन ने बताया कि प्रशासनिक अधिकारियों ने व्यास जी का तहखाना को 1993 में घेर दिया था। इससे पहले तहखाने में पुजारी सोमनाथ व्यास पूजा-पाठ करते थे। मदन मोहन ने तहखाने में छेड़छाड़ की आशंका जताते हुए कोर्ट से अपील किया कि इसकी चाभी डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट को सौंपा जाए।